➡️ शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों का राजभर के घर पर प्रदर्शन*
*पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आर-पार का आन्दोलन होगा*
*69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों के धरने में पंहुचे रावण समेत कई नेता*
*भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद रावण ने ईको गार्डन पंहुचे*
लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने सोमवार को सुभासपा अध्यक्ष पूर्व मंत्री ओपी राजभर का घेराव किया। पुलिस ने हमेशा की तरह प्रदर्शनकारियों को दोबारा इको गार्डन पहुंचा दिया। आंदोलन के बीच भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू धरनास्थल पहुंचे। चंद्रशेखर ने कहा कि अब इन अभ्यर्थियों का आन्दोलन आर-पार का होगा।लंबे समय से आंदोलन कर रहे शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने सुभासपा अध्यक्ष पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर के पार्क रोड स्थित आवास के बाहर प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर पुलिस ने सभी को वैन में बैठाकर दोबारा इको गार्डन पहुंचा दिया। दोपहर बाद ईको गार्डन पंहुचे चन्द्रशेखर आजाद रावण ने कहा कि एक दिन पहले ही हमने संविधान बचाने की शपथ ली है और 69000 शिक्षक भर्ती दलित और पिछड़े भाईयों के साथ अन्याय हो रहा है। ये लोग पिछले 530 दिन लगातार धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार इनकी नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि यह इन अभ्यर्थियों से बात कर एक योजना के अनुरुप आन्दोलन करना होगा और आन्दोलन आरपार का होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत नहीं है कि लेकिन मुझे शिकायत उन पिछड़े वर्ग के नेताओं से है कि वो सरकार में रहकर कैसे इन अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होते देख सकते हैं। सरकार चाहे तो क्या नहीं कर सकती है, सिर्फ एक साइन ही तो करना है लेकिन सरकार इनसे चोरी कर रही है।कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी धरना स्थल इको गार्डन पहुंचकर अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मांग को जायज बताते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने योगी सरकार को दलित और पिछड़ा विरोधी बताया।
*कक्षा छह से आठ तक लागू होगा ‘अनुभूति पाठ्यक्रम’*
*2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनाएंगे पाठ्यक्रम*
*स्कूली बच्चों में विकसित करेंगे जीवन मूल्यों की समझ*
*मनोविज्ञानशाला तैयार करेगा पाठ्यक्रम और हैंडबुक*
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद के 45 हजार से अधिक उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहली बार ‘अनुभूति पाठ्यक्रम’ लागू होगा। इन स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा छह से आठ तक के 50 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी ताकि किताबी ज्ञान हासिल कर वे न सिर्फ सफल अफसर, नेता, डॉक्टर, इंजीनियर बनें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के विकास में योगदान देने के योग्य बनें। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मनोविज्ञान एवं निर्देशन विभाग के विशेषज्ञों को ‘अनुभूति पाठ्यक्रम’ , हैंडबुक विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। समाजिक भावनात्मक अधिगम एवं मूल्यों की समझ विकसित करने के लिए संस्थान में मंगलवार से कार्यशाला शुरू होगी। कक्षा छह, सात व आठ के लिए अलग-अलग तैयार हो रहे पाठ्यक्रम के जरिए छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को आधार बनाया है।
*परिषदीय स्कूलों का मूल्यांकन आज से*
प्रयागराज। जिले में संचालित बेसिक शिक्षा परिषद के 1982 प्राथमिक स्कूलों का मूल्यांकन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के डीएलएड प्रशिक्षु विभिन्न ब्लॉकों में आकलन करने के लिए पहुंचेंगे। हर स्कूल से एक, दो व तीन के 12-12 बच्चों का आंकलन किया जाएगा। डीएलएड प्रशिक्षुओं के निपुण लक्ष्य एप पर 12 बच्चों के नाम प्रदर्शित होंगे। जिनमें से नौ बच्चों के निपुण होने पर वह विद्यालय निपुण घोषित हो जाएगा।
*इन सिद्धांतों के आधार पर बनाएंगे पाठ्यक्रम*
बच्चों के व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए एनईपी में दिए गए मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, नैतिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, मूल्य, शांति एवं सौहार्द, सामाजिक, संवैधानिक व जीवन कौशल को आधार बनाया गया है। बच्चे मूल्यों की अनुभूति तब कर पाएंगे जब उनमें ज्ञान और समझ होगी और क्रिया के माध्यम से उसे आत्मसात करेंगे। कक्षा में अध्यापन के जरिए ज्ञान और समझ विकसित करेंगे, फिर प्रेरक प्रसंगों, कहानियों व प्रश्नों आदि क्रियाविधि के जरिए स्वयं सीखने, निर्णय लेने में सक्षम बनाएंगे।
मानव जीवन के सर्वांगीण विकास एवं निरंतर प्रगति के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिक्षा सीखने और समझने में तत्परता लाने, ज्ञान, मूल्यों और सद्गुणों को प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है। विभिन्न विषयों के अध्ययन के अतिरिक्त विद्यार्थियों के जीवन में मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। -ऊषा चन्द्रा, निदेशक मनोविज्ञानशाला
*1.34 करोड़ फीस दी पर नहीं लिया दाखिला*
*डीएलएड में प्रत्येक छात्र से पांच हजार अलॉटमेंट फीस ली गई थी*
*प्रवेश नहीं लेने के कारण जब्त हो गए पांच हजार रुपये*
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को अमान्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण 2023 सत्र की 70,100 सीटें खाली रह गईं। 2684 अभ्यर्थियों ने पांच-पांच हजार रुपये फीस देकर कॉलेज तो तो आवंटित कराया, लेकिन दाखिला नहीं लिया। अभ्यर्थियों की इस बेरुखी से सरकार को 1.34 करोड़ की आमदनी हो गई।प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की 10600 व 2974 निजी कॉलेजों की 2,22,750 कुल 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए 3,36,187 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 11 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले पांच साल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन मिले थे। इसे लेकर निजी डीएलएड कॉलेजों में खासा उत्साह था। हालांकि निर्धारित अंतिम तिथि 20 नवंबर तक 1,63,250 अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश लिया है। उत्तर प्रदेश में पांच साल से प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती शुरू नहीं होना कम प्रवेश का प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
*इस साल बदला था अलॉटमेंट का नियम*
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इस साल कॉलेज अलॉटमेंट के नियम में परिवर्तन किया था। पहले कॉलेज में सीधे दस हजार रुपये अलॉटमेंट फीस जमा होती थी। इस साल परीक्षा नियामक ने प्रत्येक अभ्यर्थी से पांच हजार रुपये अलॉटमेंट फीस के रूप में सीधे लिए थे। शर्त थी कि प्रवेश नहीं लेने पर फीस वापस नहीं होगी। कॉलेज आवंटन 1,65,934 अभ्यर्थियों का हुआ था लेकिन 1,63,250 ने ही प्रवेश लिया। प्रवेश न लेने वाले 2684 अभ्यर्थियों के पांच-पांच हजार रुपये के हिसाब से 1,34,20,000 रुपये की आमदनी सरकार को हो गई।
*कई कॉलेजों ने ही जमा कर दिए थे रुपये*
कई निजी कॉलेज के प्रबंधकों ने पांच-पांच हजार रुपये जमा करके अपने कॉलेज के नाम सीट आवंटित करा ली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद थी कि बाद में अभ्यर्थियों के मिलने पर कमाई हो जाएगी। लेकिन इसके उलट तमाम कॉलेजों में सीटें खाली रह गईं।
*253 केंद्रों पर 4.78 लाख छात्रों की सेमेस्टर परीक्षाएं आज से*
*कई केंद्रों के कैमरे कंट्रोल रूम से नहीं जुड़े दी गई चेतावनी*
*पहली बार फेस मैचिंग होगी, लगेगी बायोमीट्रिक हाजिरी*
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर परीक्षाएं मंगलवार से प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और फतेहपुर के 253 केंद्रों पर शुरू होंगी। इसमें लगभग 4.78 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। परीक्षा से एक दिन पहले तक कई केंद्रों के सीसीटीवी कैमरे विश्वविद्यालय के कंट्रोल रूम से नहीं जोड़े जा सके थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे केंद्र अध्यक्षों को हर हाल में मंगलवार सुबह तक अपने सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल रूम से जोड़ने की चेतावनी दी है।नकल रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन सीसीटीवी के अलावा इस बार फेस मैचिंग सॉफ्टवेयर और बायोमीट्रिक उपस्थिति का भी प्रयोग कर रहा है। प्रवेश-पत्र एवं वेरिफिकेशन कार्ड पर परीक्षार्थी की एक ही फोटो होनी चाहिए। पहचान में किसी प्रकार की विसंगति होने पर परीक्षार्थी द्वारा नकल का प्रयास माना जाएगा। सभी 253 परीक्षा केंद्रों की निगरानी 27 नोडल केंद्रों से होगी। परीक्षा के लिए सचल दस्तों का गठन किया गया है। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इसके साथ ही परीक्षार्थियों पर नजर रखने के लिए केंद्र अध्यक्षों और सचल दस्तों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। थ्री-सीटर सीट पर केवल दो परीक्षार्थी अलग-अलग कोने में बैठेंगे। जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह 10 से 12 और दोपहर दो से चार बजे की पाली में परीक्षा से आधे घंटे पहले प्रश्नपत्र डबल लॉक से निकालकर बांटे जाएंगे। प्रश्नपत्रों के पैकेट खोलते समय वीडियो रिकॉर्डिंग करना अनिवार्य है।
*खास-खास*
● परीक्षार्थियों को एक उत्तरपुस्तिका दी जाएगी। दो या अधिक आंसरबुकलेट देने पर नकल कराने की कोशिश मानी जाएगी। जिसके लिए परीक्षा केंद्रों की जिम्मेदारी तय होगी।
● उत्तरपुस्तिका के मुख्य पृष्ठ या अंदर परीक्षा केंद्र सील या मुहर नहीं लगा सकेंगे। अंदर के पन्नों पर परीक्षार्थी मोबाइल नंबर लिखता है या कोई चिह्न बनाता है तो नकल की श्रेणी में रखा जाएगा।
● परीक्षा के दौरान केवल केंद्र अध्यक्ष ही मोबाइल रख सकेंगे, कक्ष निरीक्षकों को भी मोबाइल रखने की अनुमति नहीं है।
● प्रयागराज में 118 परीक्षा व 10 नोडल केंद्र, फतेहपुर में 35 परीक्षा तथा छह नोडल केंद्र, कौशाम्बी में 24 परीक्षा तथा दो नोडल केंद्र जबकि प्रतापगढ़ में 76 परीक्षा तथा नौ नोडल केंद्र बनाए गए हैं।
*नए आयोग की मंजूरी को लिखा पत्र*
प्रयागराज। मंगलवार को होने जा रही कैबिनेट की बैठक में नए शिक्षा सेवा आयोग की नियमावली मंजूर करने की मांग को लेकर युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को ईमेल से पत्र भेजा है। आरोप लगाया है कि लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़े इस मामले को लेकर शासन गंभीर नहीं है। 11 अगस्त को विधानमंडल से विधेयक पारित होने और 21 अगस्त को राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब तक आयोग का गठन नहीं हो सका है।
*17 दिसंबर को मनाएंगे पेंशनर दिवस*
प्रयागराज। लोको कॉलोनी में यूनाइटेड फोरम ऑफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक सुशील कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में इस वर्ष भी पेंशनर दिवस 17 दिसंबर को मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में एके भारद्वाज, अतुल कुमार श्रीवास्तव, संकेश्वर श्रीवास्तव, बीके श्रीवास्तव, द्वारका प्रसाद ,राजेश श्रीवास्तव, सत्येंद्र बहादुर सिंह, राजेश यादव, प्रमोद अग्रवाल, सैयद अली सफदर, रामलाल, रमेश कुमार आदि मौजूद रहे।
*कंपनियों ने पीएफ के 15 हजार करोड़ अटकाए*
नई दिल्ली, एजेंसी। नजी कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के पीएफ खाते में रकम न भेजने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के मुताबिक, कई कंपनियों ने संगठन के पास पीएफ के करीब 14 हजार करोड़ रुपये जमा नहीं कराए हैं। इसमें पेंशन कोष की रकम भी शामिल है।यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-23 का है। संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों के दौरान इस बकाया रकम में करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2018-19 में निजी कंपनियों का पीएफ का बकाया 74.2 फीसदी था, जो 2022-23 में बढ़कर 83.17 प्रतिशत हो गया। ।ऐसी डिफॉल्टर कंपनियों के खिलाफ ईपीएफओ दिसंबर 2023 से फरवरी 2024 तक तीन महीने का विशेष अभियान चलाएगा। इनसे बकाया राशि और एरियर की वसूली की जाएगी। इस संबंध में क्षेत्रीय ईपीएफओ कार्यालयों को आदेश जारी कर दिए गए हैं। नियोक्ता कंपनियों को हर महीने कर्मचारी के वेतन से कटी गई राशि को 15 दिन में उसके पीएफ खाते में जमा करना होता है।
*यूपी के 50 पॉलीटेक्निक में इंक्युबेशन सेंटर बनेंगे*
लखनऊ, संवाददाता। एकेटीयू के इनोवेशन हब की ओर से प्रदेश के 50 पॉलीटेक्निक में इंक्युबेशन सेंटर बनाए जाएंगे। जिससे कस्बों व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों के भीतर इनोवेशन और स्टार्टअप की ललक जगाई जा सके।एकेटीयू के इनोवेशन हब ने प्रदेश में स्टार्टअप और इनोवेशन बढ़ाने के लिए सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों के प्रधानाचार्यों से इंक्युबेशन सेंटर खोलने के लिए आवेदन मांगे थे। जिससे पॉलीटेक्निक में पढ़ने वाले छात्र नवाचार और उद्यमिता का पाठ पढ़ सकें। इसे लेकर 18 अक्टूबर को कुलपति प्रो. जेपी पांडेय और प्राविधिक शिक्षा के प्रमुख सचिव एम देवराज की अगुवाई में सभी पॉलीटेक्निक कॉलेजों के प्रधानाचार्यों संग मीटिंग भी की गई थी। जिसमें प्रधानाचार्यों को इंक्युबेशन सेंटर की स्थापना के लिए जरूरी जानकारी संग आवेदन करने के लिए कहा गया था। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि अब तक प्रदेश के 50 से ज्यादा पॉलीटेक्निक कॉलेजों ने इंक्युबेशन सेंटर की स्थापना के लिए आवेदन किया है।
*चुनाव का प्रशिक्षण आज से, 30 प्रशिक्षक नियुक्त*
बाराबंकी। लोकसभा चुनाव में लगे कार्मिको को पांच थीमों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। चुनाव में मास्टर ट्रेनर की अहम भूमिका रहती है।प्रशिक्षण के लिए 30 मास्टर ट्रेनर को नियुक्त किया गया है। यह प्रशिक्षक मतदान कार्मिक, सेक्टर, जोनल, वीडियो ग्राफी टीम, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, सर्विलांस टीम आदि चुनाव की टीमों को प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण के अनुसार लोकसभा चुनाव की गतिविधियां बढ़ेंगी। लोकसभा चुनाव अगले वर्ष होने वाले हैं। इसको लेकर आयोग हर स्तर पर तैयारियों को पूर्ण करने में लगा है। इसे लेकर असेंबली लेवल मास्टर ट्रेनरों को तैयार करने के लिए आयोग ने निर्देश दिए हैं। आयोग ने इस बार पांच थीम बनाई है। जिस पर मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रथम थीम योग्यता, अयोग्यता नामांकन, नामांकन के आवेदन करना, उनकी जांच और प्रतीक आवंटन का वितरण करना है।दूसरा थीम जिला चुनाव व्यवस्था योजना बनाना, इसमें पोलिंग सेंटर की मैपिंग, उनकी व्यवस्था, रूट चार्ट, मतदान स्थल का निर्माण आदि है। तीसरे थीम में आय-व्यय और इसकी मानीटरिंग करनी है। चौथे थीम में चुनाव में वोटरों को जागरूक करना और पांचवें थीम में ईवीएम, वीवीपैट की गणना, पोस्टल बैलेट तैयार करना आदि का प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों को दिया जाएगा।
आयोग के निर्देश पर पांच थीमों पर जिला, ब्लाक और तहसील स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर असेंबली मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। मंगलवार से प्रशिक्षण शुरू होगा। सुबह साढ़े नौ बजे से शाम छह बजे तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-डॉ. राजेश कुमार, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी
*स्कूली बच्चों की उपस्थिति पर जोर*
कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने प्रयासों को अब और बल मिलेगा। स्कूलों में बच्चों की कम होती मौजूदगी को दूर करने को विभाग ने शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के साथ प्रोत्साहित की कवायद शुरू की है।बीतें दिनों स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने सभी जनपदों के बीएसए को भेजे पत्र में एमडीएम के जरिए मिले एक माह के आंकड़े पत्र जारी कर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
*पहाड़ों पर बर्फबारी से ठिठुरन,पारा 5 डिग्री गिरा*
*सीजन का पहला दिन जब दिन में सर्दी से बचाव के इंतजाम करने पड़े*
*उत्तर पूर्वी हो गई हवा की गति दो किमी प्रति घंटा रही*
कानपुर, वरिष्ठ संवाददाता। पहाड़ों पर बर्फबारी से अचानक ठिठुरन बढ़ गयी। शहर सुबह से घने बादल, धुंध और कोहरे के आगोश में रहा। सीजन(नवंबर) का यह पहला दिन था जब रात ही नहीं दिन में भी लोगों को सर्दी से बचाव करना पड़ा। सोमवार को कुछ पल ही सूर्य देवता के दर्शन होने से अधिकतम तापमान में 05.2 डिग्री सेल्सियस की कमी आ गई। यह सामान्य से 5.2 डिग्री कम है। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार को भी ऐसी ही सर्दी रहेगी।पश्चिमी विक्षोभों के चलते पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी शुरू हो चुकी है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी पर बने मौसमी सिस्टम ने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इससे रात में ही घने बादल छाने लगे। सुबह से ही बदली, धुंध और कोहरा इतना घना रहा कि सूरज नजर नहीं आया।
*तापमान के अंतर से कांपा शहर*
अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कम अंतर होने से सर्दी बढ़ती है। रविवार को अधिकतम और न्यूनतम पारा का अंतर 17.4 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को दोनों तापमान का अंतर 10 डिग्री रहा। सर्दी बढ़ गई।
*बूंदाबांदी ने बदला मौसम का मिजाज*
सुबह से घने बादल होने के बावजूद बारिश नहीं हो रही थी। करीब एक बजे के बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई है। कुछ क्षेत्रों में तो लोगों को ठहरना पड़ा। कहीं बूंदे गिरती रहीं और लोग चलते रहे। पर इसने सर्दी बढ़ा दी। इस कारण नमी की प्रतिशत भी अधिक रहा। अधिकतम नमी 93 और न्यूनतम 64 फीसदी रहा।
*हवा की दिशा बदली, रफ्तार भी बढ़ी*
हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी से बदलकर उत्तर पूर्वी हो गई। इस कारण आसमान पर घने बादल छा गए। सर्दी को बढ़ाने में इसकी अहम भूमिका रही। हवा की रफ्तार इस माह ज्यादातर दिनों में काफी सुस्त रही है। सोमवार को हवा की औसत गति करीब 2.0 किमी प्रति घंटा रही। बीच-बीच 08-10 किमी प्रति घंटा की हवा रही।
*बदली रहेगी, सर्दी भी बढ़ेगी*
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि फिलहाल हल्के बादल छाए रहेंगे। बूंदाबांदी भी संभव है। सर्दी बढ़ेगी। फिलहाल बारिश की संभावना कम है लेकिन बूंदाबांदी संभव है।
*एक से अब तक 10 डिग्री की गिरावट*
पहली नवंबर को अधिकतम तापमान 32 डिग्री था लेकिन सोमवार को यह पारा 22 डिग्री पहुंच गया। 27 दिवसों में दिन के तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस की कमी आ गई। यही नहीं पहली नवंबर को न्यूनतम पारा 16.8 डिग्री था जो 27 दिवसों के बाद 12 डिग्री पहुंच गया। वैसे रविवार को सीजन (नवंबर) का सबसे कम पारा 09.8 डिग्री रिकॉर्ड किया जा चुका है। सोमवार को इसमें 2.2 डिग्री की वृद्धि हो गई। यह सामान्य से अधिक रहा।
*छात्राओं से अश्लीलता करने का आरोपी शिक्षक गिरफ्तार*
उन्नाव, संवाददाता। छात्राओं से अश्लील हरकतें करने के आरोपी शिक्षक को सोमवार को गिरफ्तार कर लिाय गया। छात्राओं के बयान के बाद रसोइया की तहरीर पर शिक्षक पर एफआईआर दर्ज की गई थी। रविवार को प्रभारी बीएसए ने उसे निलंबित भी कर दिया था।शनिवार को परिषदीय स्कूल में बालिकाओं से अश्लील हरकतें करने की जानकारी पर केंद्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य प्रीति भारद्वाज और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी ने स्कूल में छात्राओं और पूरे स्टॉफ के बयान दर्ज किए थे। करीब 20 छात्राओं ने शिक्षक द्वारा अश्लील हरकत और बैड टच करने के आरोप लगाए थे। रसोइया की तहरीर पर पुलिस ने शिक्षक पर छेड़छाड़ व पॉक्सो के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद शिक्षक फरार चल रहा था। सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
*डॺूटी न करने पर शिक्षिका पर रिपोर्ट के निर्देश*
सफीपुर। बीएलओ की ड्यूटी न करने पर शिक्षिका पर एसडीएम ने केस दर्ज कराने के निर्देश दिए है। इससे शिक्षकों में हड़कंप मचा है। मुरादपुर प्राथमिक विद्यालय के बूथ संख्या 111 में भारत सरकार के मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के लिए एक सहायक शिक्षिका को बीएलओ में तैनात किया गया है। सुपरवाइजर स्वेता कटियार ने एसडीएम को अवगत कराया कि सहायक शिक्षिका लगातार ड्यूटी से गायब है। पुनरीक्षण कार्य से संबंधित स्टेशनरी भी नहीं प्राप्त की है। एसडीएम प्रज्ञा पांडेय ने केस दर्ज कराने को तहरीर दी है।
*ऑनलाइन हाजिरी मामले में शिक्षक संगठन लामबंद*
*बेसिक-माध्यमिक शिक्षक संघ के गुटों ने भी दी चेतावनी*
लखनऊ । ऑनलाइन हाजिरी मामले में शिक्षकों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई के विरुद्ध शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी है। साथ ही मधकी दी है कि अगर विभाग या सरकार ने बिना शिक्षक संगठनों से विचार-विमर्श किये कोई भी एकतरफा कार्यवाही की तो विरोध में शिक्षक भी प्रदेशव्यापी आन्दोलन करने को बाध्य होंगे।उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ इस बारे में पहले ही धमकी दे चुका है कि सि मामले में कोई भी एकतराफ कार्यवाही अव्यवहारिक होगी। संगठन के महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने ऑनलाइन उपस्थिति में खामियां ही खामियां हैं। ऐसे में शिक्षकों के विरुद्ध किसी प्रकार की भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कम उपस्थिति बताकर शिक्षकों के वेतन को भी अवरुद्ध ना किया जाए।
*शिक्षण संस्थानों में संवाद करेगी शिक्षक सभा*
लखनऊ। समाजवादी शिक्षक सभा के शिक्षक आगामी लोकसभा चुनाव में सपा सरकार के विकास कार्यों तथा शिक्षक हित की नीतियों से जन-जन को अवगत कराएगा तथा शिक्षण संस्थानों से संवाद किया जाएगा। सोमवार को अध्यक्ष प्रो. बी पांडेय की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया।
*अनुपस्थित मिले 15 बीएलओ, 13 पर रिपोर्ट*
बरेली। जिले में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए बूथों पर बीएलओ तैनात किए गए हैं। 25 और 26 नवंबर को विशेष अभियान के दौरान 15 बीएलओ अनुपस्थित मिले। इनमें से 13 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष बहादुर सिंह की ओर से जारी पत्र के अनुसार शनिवार को प्राथमिक विद्यालय सिरसा बूथ पर तैनात बिथरी चैनपुर के रोजगार सेवक पीतम सिंह, प्राथमिक विद्यालय चनेहटी में तैनात पुष्पेंद्र कुमार अनुपस्थित मिले।वहीं आंवला के प्राथमिक विद्यालय चंदुपुरा बूथ पर तैनात शिक्षा मित्र मुकेश बाबू, भी अनुपस्थित मिले। प्राथमिक विद्यालय शिखा बूथ पर तैनात रोजगार सेवक हरि निवास, प्राथमिक विद्यालय दस्तमपुर बूथ पर तैनात उदयवीर सिंह प्राथमिक विद्यालय रम्पुरा भूड़ बूथ पर तैनात पवन कुमार, लाल बहादुर शास्त्री जूनियर हाई स्कूल गुरुगावां बूथ पर तैनात पंचायत सहायक विनय कुमार लाल, पंचायत घर भीमपुर कठौती बूथ पर तैनात पंचायत सहायक आरती और प्राथमिक विद्यालय झाऊनगला बूथ पर तैनात सहायक अध्यापक हरीराम अनुपस्थित मिले।रविवार को प्राथमिक विद्यालय रजऊ परसरपुर बूथ पर तैनात शिक्षा विभाग के अनुदेशक महेश पाल, प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर फुल्वा बूथ पर तैनात सहायक अध्यापक संगीता अनुपस्थित मिलीं। मीरगंज के कंपोजिट विद्यालय चुरई दलपतपुर में तैनात सहायक अध्यापक अर्चना वर्मा, कंपोजिट विद्यालय गुगई में तैनात शिक्षामित्र नवनीत कुमार शर्मा अनुपस्थित
*एनपीएस पासबुक दी नहीं अब कह रहे दिखाओ*
*डीआईओएस ने प्रधानाचार्य और लिपिक से मांगी निवेश की जानकारी*
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता।नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की पासबुक किसी को दी नहीं अब अधिकारी कह रहे पासबुक दिखाओ। सलाह दे रहे हैं कि अपने एनपीएस खाते का रखरखाव शिक्षक और कर्मचारी खुद करें। डीएआईओएस ने हाल ही में प्रधानाचार्यों को जारी पत्र में कहा है कि एनपीएस की पासबुक का खुद रखरखाव करें। इस पर शिक्षक संघ ने सख्त आपत्ति जताई है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि एनपीएस का तो शिक्षकों यहां तक की स्कूलों के पास कोई रिकॉर्ड ही नहीं है तो रखरखाव किसका करेंगे।एनपीएस कटौती की राशि को जिला विद्यालय निरीक्षक की आईडी पर निजी बैंकों में बिना अनुमति के जमा करने का बवाल थमा नहीं रहा है। डीआईओएस ने सभी प्रधानाचार्य और लिपिक को निर्देश दिया है कि सभी अपनी एनपीएस पासबुक का रखरखाव करें और शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से एनपीएस कटौती की धनराशि को कहां निवेश किया गया है, इसकी आख्या मांगी है। माध्यमिक शिक्षक संघ, संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि डीआईओएस आहरण-वितरण अधिकारी है। एनपीएस कटौती संबंधित सभी जानकारी इनके सिस्टम में रहती है। शिक्षक अंश और राज्यांश का कितना पैसा कहां जमा हुआ, यह शिक्षक को भला कैसे पता हो सकता है। यह कार्य तो जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से होता है। ऐसे में शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी से यह आख्या मांगना पूरी तरह से गलत है। सोहन लाल वर्मा ने कहा कि एनपीएस की पासबुक अभी तक किसी भी शिक्षक और कर्मचारी को मिली ही नहीं है। ऐसे में एनपीएस पासबुक के रखरखाव की जिम्मेदारी की बात बेईमानी है। जब पासबुक ही नहीं है तो रखरखाव किसका होगा?। उन्होंने कहा कि सबसे पहले विभाग निलम्बित दोनों बाबुओं पर मुकदमा दर्ज कराए और सख्ती से कार्यवाही करे। कई दिन गुजरने के बाद भी आरोपियों पर मुकदमा नहीं कराया गया है।
*सिर्फ कुल राशि देखने का प्रावधान*
शिक्षक नेता सोहन लाल वर्मा ने कहा कि एनपीएस मामले में सही से जांच हुई तो ये अब तक का सबसे बड़ा घोटाला निकलेगा। उन्होंने कहा कि प्रान संख्या से सिर्फ ये देखा जा सकता है कि सम्बंधित शिक्षक-कर्मचारी के खाते में कितनी राशि है। उसे शासन द्वारा निर्देशित बैंकों में निवेश किया गया है कि मिलीभगत से बाबुओं ने किसी निजी बैंक में निवेश किया है ये नहीं पता चल सकता। इसी वजह से एनपीएस में ये घोटाला चलता जा रहा है। खाते में राशि दिखती रहती है और लगता है कि कुछ गलत नहीं हुआ। जबकि गलत तरह से आदेश के विपरीत और बिना जानकारी के पैसा कहीं और निवेश कर देना भी घोटाला है।
*नये सत्र से सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास से शुरू होगी पढ़ाई*
पयागपुर, संवाददाता। जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान पयागपुर में बेसिक परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को वीडियो तथा ऑनलाइन ई कंटेंट से कक्षा में शिक्षण के लिए आयोजित प्रशिक्षण का समापन हुआ। प्रशिक्षण में जिले के सभी ब्लॉक से 20 शिक्षकों को कक्षा में तकनीक के प्रयोग से छात्रों को पढ़ाने के टिप्स दिए गए।प्राचार्य उदयराज ने शिक्षकों से कहा कि बदलते समय के अनुसार अब परम्परागत शिक्षण के साथ ही शिक्षकों को कक्षा में आडियो- वीडियो आधारित शैक्षिक सामग्री से पढ़ाने की आवश्यकता है। बच्चे इसके द्वारा जल्दी सीखते हैं, और उन्हें स्मार्ट टीवी या प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ने में मजा भी आता है। प्रतिभागी शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को प्रासंगिक व बेहद लाभकारी बताया। आईसीटी ट्रेनिंग में शिक्षकों को आईसीटी हार्डवेयर उपकरणों से परिचय, कक्षा में प्रोजेक्टर, स्मार्ट पैनल पर शैक्षिक सामग्री का प्रसारण व इसका प्रयोग, छात्रों के लिए डिजिटल कंटेट का निर्माण, काईनमास्टर वीडियो एडिटर, पिक्सेल लैब, स्कूल का यूट्यूब चैनल, गूगल मीट, शैक्षिक सामग्री का गूगल ड्राइव पर स्टोरेज आदि मोबाइल आधारित एप्लीकेशन्स के प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी गई।इसके साथ ही तकनीक आधारित शिक्षा में सम्भावित सायबर अपराध व खतरों की जानकारी और बचाव के बारे में भी बताया गया। प्रशिक्षण की समाप्ति पर उप शिक्षा निदेशक ने प्रशिक्षण सन्दर्भदाता अर्चना पांडेय, लोकेश श्रीवास्तव, पूरनलाल चौधरी व हेमन्त चौधरी को प्रमाण पत्र व प्रतीक चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर डायट कार्यालय स्टाफ समेत शिक्षक व शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
*मैट्रिक सर्टिफिकेट जन्मतिथि साबित करता है तो डीएनए टेस्ट जरूरी नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट*
विधि संवाददाता,प्रयागराज।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी स्कूल से जारी मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट को जन्मतिथि निर्धारित करने के लिए पर्याप्त कानूनी प्रमाण माना जाता है। जहां ऐसा सर्टिफिकेट गलत साबित नहीं हुआ, वहां डीएनए टेस्ट जरूरी नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अपर्णा अजिंक्य फिरोदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से दिया है। कोर्ट ने कहा कि जैसा कि अपर्णा अजिंक्य फिरोदिया में कहा गया है कि डीएनए टेस्ट का आदेश नियमित तरीके से नहीं किया जा सकता है। इसे केवल असाधारण परिस्थितियों में किया जाता है, जब संबंधित व्यक्ति के माता-पिता का निर्धारण करने के लिए कोई अन्य कानूनी आधार नहीं है। इस मामले में ऐसा दस्तावेज है, जिसे जन्मतिथि के निर्धारण के लिए पर्याप्त कानूनी प्रमाण माना जाता है, यानी मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट इसलिए डीएनए टेस्ट के लिए आदेश करने की कोई स्थिति नहीं है। मामले के तथ्यों के अनुसार मेरठ की मवाना तहसील क्षेत्र के याकूब के नाम विवादित जमीन थी। उसके तीन बेटे शकील, जमील व फुरकान हैं। बड़े बेटे शकील ने याची मोबिन के साथ शादी की थी। उसकी मौत हो गई। याची ने कहा कि शादी से एक बेटी का जन्म हुआ है। विपक्षियों ने आरोप लगाया कि शकील की मौत के बाद याची की दूसरी शादी से बेटी का जन्म हुआ। यह आरोप भी लगाया गया कि याची ने अपने जीवनकाल के दौरान शकील की देखभाल नहीं की इसलिए उसने अपने दो भाइयों के पक्ष में वसीयत की। याचियों ने तीनों प्राधिकारियों यानी चकबंदी अधिकारी, एसओसी और चकबंदी उप निदेशक के समक्ष अपने दावों का असफल विरोध किया। याचियों के वकील ने तर्क दिया कि याची के माता-पिता का कहना है कि वह याची के विवाह से पैदा हुई और शकील को उसके हाईस्कूल सर्टिफिकेट में उल्लिखित जन्म तिथि के आधार पर खारिज कर दिया गया है। तर्क दिया गया कि माता-पिता के सर्टिफिकेट पर विचार या विवाद किए बगैर जिसमें शकील को उसके पिता के रूप में उल्लेख किया गया, यह नहीं माना जा सकता कि वह उसका पिता नहीं था। यह भी कहा गया कि शकील के पिता होने के रिकॉर्ड पर अन्य दस्तावेजों पर विचार नहीं किया गया। ऐसे में वंश को सत्यापित करने के लिए डीएनए टेस्ट किया जा सकता है।दोनों पक्षों के वकील ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 का हवाला दिया, जिसमें हाईस्कूल के शैक्षिक सर्टिफिकेट को जन्म तिथि निर्धारित करने के लिए सबसे अच्छा सबूत माना जाता है। साथ ही उन्होंने डीएनए टेस्ट का विरोध किया क्योंकि सामान्य परिस्थितियों में इसका आदेश नहीं दिया जा सकता। तर्क दिया गया कि याची ने दोबारा शादी की है इसलिए उसे यूपी जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 171 के तहत कानूनी उत्तराधिकारी नहीं माना जा सकता।सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि संजीव कुमार गुप्ता बनाम यूपी राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि यह माना गया कि किसी व्यक्ति की जन्मतिथि निर्धारित करने के लिए स्कूल से जारी मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट या बर्थ सर्टिफिकेट सबसे अच्छा सबूत माना जाएगा। इसके विपरीत कोई भी सामग्री रिकॉर्ड पर नहीं लाई गई, जो यह दिखाती हो कि स्कूल सर्टिफिकेट में उल्लिखित जन्मतिथि वास्तविक जन्मतिथि से अलग है। कोर्ट ने कहा कि शकील की मौत और बेटी की जन्मतिथि के बीच 615 दिनों का अंतर है इसलिए वह उसका पिता नहीं हो सकता।कोर्ट ने अपर्णा अजिंक्य फिरोदिया बनाम अजिंक्य अरुण फिरोदिया में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित परिस्थितियों का उल्लेख किया जिनमें नाबालिग बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने का निर्देश दिया जा सकता है-
1- वैवाहिक विवादों में नियमित रूप से नाबालिग बच्चे के डीएनए टेस्ट का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। बेवफाई के आरोपों से जुड़े वैवाहिक विवादों में डीएनए प्रोफाइलिंग के माध्यम से सबूत दिया जाना चाहिए, केवल उन मामलों में जहां ऐसे दावों को साबित करने का कोई अन्य तरीका नहीं है।
2 - वैध विवाह के अस्तित्व के दौरान पैदा हुए बच्चों के डीएनए टेस्ट का निर्देश तभी दिया जा सकता है, जब साक्ष्य अधिनियम की धारा 112 के तहत धारणा को खारिज करने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्टया सामग्री हो। इसके अलावा यदि साक्ष्य अधिनियम की धारा 112 के तहत अनुमान का खंडन करने के लिए गैर-पहुंच के बारे में कोई दलील नहीं दी गई है तो डीएनए टेस्ट का निर्देश नहीं दिया जा सकता।
3 - ऐसे मामले में जहां किसी बच्चे का पितृत्व सीधे तौर पर मुद्दा नहीं है बल्कि कार्यवाही के लिए केवल अनुपूरक है, किसी बच्चे के डीएनए टेस्ट को यांत्रिक रूप से निर्देशित करना किसी न्यायालय के लिए उचित नहीं होगा।
4 - केवल इसलिए कि दोनों पक्षों में से किसी ने पितृत्व के तथ्य पर विवाद किया। इसका मतलब यह नहीं कि न्यायालय को विवाद सुलझाने के लिए डीएनए टेस्ट या ऐसे अन्य टेस्ट का निर्देश देना चाहिए। पक्षकारों को पितृत्व के तथ्य को साबित करने या अस्वीकार करने के लिए सबूत पेश करने का निर्देश दिया जाना चाहिए और केवल अगर अदालत को ऐसे सबूतों के आधार पर निष्कर्ष निकालना असंभव लगता है, या विवाद को डीएनए टेस्ट के बिना हल नहीं किया जा सकता है तो वह डीएनए टेस्ट का निर्देश दे सकता है, अन्यथा नहीं। दूसरे शब्दों में केवल असाधारण और योग्य मामलों में, जहां विवाद को सुलझाने के लिए ऐसा टेस्ट अपरिहार्य हो जाता है, न्यायालय ऐसे परीक्षण का निर्देश दे सकता है।कोर्ट ने कहा कि मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट को पर्याप्त कानूनी सबूत के रूप में मान्यता दी गई। इसलिए बेटी के डीएनए टेस्ट का आदेश देने का कोई अवसर नहीं है।
*जिले के 1982 परिषदीय स्कूलों का मूल्यांकन आज से*
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज जिले में संचालित बेसिक शिक्षा परिषद के 1982 प्राथमिक स्कूलों का मूल्यांकन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के डीएलएड प्रशिक्षु विभिन्न ब्लॉकों में आकलन करने के लिए पहुंचेंगे। हर स्कूल से एक, दो व तीन के 12-12 बच्चों का आंकलन किया जाएगा।डीएलएड प्रशिक्षुओं के निपुण लक्ष्य एप पर 12 बच्चों के नाम प्रदर्शित होंगे। जिनमें से नौ बच्चों के निपुण होने पर वह विद्यालय निपुण घोषित हो जाएगा। जहां पर 12 बच्चों से कम नामांकन है वहां पर सभी बच्चों का आकलन किया जाएगा। डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप ने बताया कि आठ दिसंबर तक निपुण एप के जरिए ऑनलाइन मूल्यांकन होगा।पहले दिन मंगलवार के लिए दो-दो प्रशिक्षुओं की कुल 75 टीमें गठित गई हैं। वहीं दूसरी ओर मूल्यांकन के लिए शिक्षक बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने में जुट गए हैं। स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) सदस्य वंदना श्रीवास्तव ने शिक्षकों से अपील की है कि बच्चों को प्रतिदिन स्कूल लाने के लिए लगातार अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें प्रेरित करें।
*आयरिश लेखक पॉल लिंच को ‘प्रॉफेट सॉन्ग’ के लिए बुकर*
लंदन, एजेंसी। आयरलैंड के लेखक पॉल लिंच को लंदन में बुकर पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया। उन्हें उनके उपन्यास ‘प्रॉफेट सॉन्ग’ के लिए यह पुरस्कार मिला है।लिंच ने भारतीय मूल की लेखिका चेतना मारू के पहले उपन्यास ‘वेस्टर्न लेन’ को पछाड़कर यह पुरस्कार जीता। 46 वर्षीय लिंच ने ‘प्रॉफेट सॉन्ग’ में आयरलैंड की एक तस्वीर पेश की है। उपन्यास एक परिवार की कहानी बताता है, जो ऐसी नई दुनिया से जूझ रहा है, जिसमें वे लोकतांत्रिक मानदंड गायब होने लगते हैं, जिनका वह आदी है।