देवरिया 28 अप्रैल। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को बिना भेदभाव पारदर्शी तरीके से पात्र जनो तक पहुंचाये जाने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा है कि मत्स्य पालन की योजनाओ को अपनाकर आर्थिक उन्नयन किया जा सकता है।
जिलाधिकारी श्री सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता विकास भवन के गांधी सभागार में करते हुए कहा कि मत्स्य विभाग की योजनाओं में पात्रता का पूरी तरह ध्यान रखा जाये। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत संचालित सभी परियोजनाओं में सामान्य मछुआ एवं अन्य पिछडा वर्ग को परियोजना लागत का 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति व महिला लाभार्थी को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाना प्राविधानित है, शेष अंश लाभार्थी द्वारा स्वयं अपने संसाधन से अथवा बैंक ऋण के माध्यम से वहन किया जायगा। इस योजना के सापेक्ष ही विभिन्न उप योजनाओं में बैंक आउट हुए लाभार्थियों का वित्तीय वर्ष 2021-22 प्रथम फेज, द्वितीय फेज एवं तृतीय फेज के आवेदको की सूची प्रथम आवक प्रथम पावक के आधार पर शिफ्टिंग किये जाने का अनुमोदन किया गया। इस योजना के आवेदन प्राप्त करने हेतु विभागीय पोर्टल पर आनलाईन आवेदन करने की व्यवस्था है।
समीक्षा के दौरान मत्स्य विभाग के संचालित योजनाओं यथा-सजावटी एवं मनोरंजनात्मक मत्स्यकीय का विकास, प्रौद्योगिकी से प्रेरणा एवं संयोजन, आवस्थापना एवं उपजोपरान्त प्रबंधन, मत्स्य पालको/मछुआरो का बीमा, मत्स्य संसाधनो के संरक्षण हेतु मछुआरो के लिए आजीविका एवं पोषण से संबंधित सहायता आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी के साथ ही इन योजनाओं में बेहतर प्रगति लाये जाने के आवश्यक निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, पीडी संजय पाण्डेय, डीसी मनरेगा बीएस राय, मत्स्य अधिकारी नंद किशोर, अग्रणी बैंक प्रबंधक प्रतिनिधि राकेश कुमार श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी मो0 मुजम्मिल, अधिशासी अभियंता सिचाईं सहित अन्य जुडे विभागो के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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