देवरिया(सू0वि0)30अक्टूबर। जिला कृषि अधिकारी मोहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि रबी 2021-22 का सीजन प्रारम्भ हो चुका है। कृषक बन्धुओं को उचित दर पर उर्वरक प्राप्त हो इसके लिए जनपद के सभी किसान बन्धुओ से अपील है कि अपनी आवश्यक्ता एवं जोत बही के अनुसार ही उर्वरकों का क्रय करें, आधार कार्ड एवं खतौनी लेकर ही उवर्रक विक्रेता के पास जाए और अपनी आवश्यक्तानुसार उर्वरक क्रय करे।
उन्होंने बताया कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में फास्फेटिक, पौटेशिक एवं यूरिया उर्वरक उपलब्ध है. उर्वरकों की जनपद में कोई कमी नहीं है। तिलहन की फसल के लिए डी०ए०पी० से ज्यादा कारगर एन0पी0के0 है क्योंकि इसमें 16 प्रतिशत सल्फर की मात्रा भी सम्मिलित है। अगर गेहूँ के साथ तिलहन की फसल की बुवाई करते हैं तो एन०पी०के० का प्रयोग कारगर साबित होगा।
उन्होंने उर्वरक विक्रेताओ को निर्देश दिया कि दुकान पर आने वाले प्रत्येक कृषकों से उनका आधार कार्ड एवं खतौनी प्राप्त करने के उपरान्त पी०ओ०एस० मशीन से ही जोत बही के अनुसार उर्वरकों की विक्री करें तथा कृषको एक बार में 05 बोरी से ज्यादा फास्फेटिक उर्वरक किसी किसान को न दे। किसी भी दशा में जनपद के बाहर या विहार प्रान्त के किसानो को उर्वरक का विक्रय नही करेंगे। उर्वरक प्रतिष्ठानों पर हर हाल में फलैक्स बोर्ड (रेट बोड) लगाए तथा उर्वरक की मात्रा व दर अवश्य अंकेत करे। साथ ही सभी फुटकर उर्वरक विक्रेता अपने प्रतिष्ठान पर उर्वरक क्रय करने हेतु आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का ब्यौरा रजिस्टर बनाकर उसमें दर्ज करेंगे। रजिस्टर में कृषकों का नाम, पता, आधार, खतौनी, फसल का नाम, उर्वरक की मात्रा तथा मो0न० अनिवार्य रूप से दर्ज करेंगें, विभाग द्वारा इसका रेण्डम सत्यापन भी कराया जाएगा। अगर किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा बिना पी०ओ०एस० मशीन के उर्वरक का विक्रय किया जाता है या जोत वही से ज्यादा उर्वरकों का विक्रय किया जाता है, तो उसके विरुद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।
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