* शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों में सामाजिक दायित्व, चेतना , स्वप्रेरित अनुशासन के साथ श्रम के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न करता है राष्ट्रीय सेवा योजना।
रूद्रपुर देवरिया।इण्टरमीडिएट कालेज कन्हौली,देवरिया के प्रांगण में राष्ट्रीय सेवा योजना के दोनों इकाइयों द्वारा सप्तदिवसीय विशेष शिविर(दिन-रात)का उद्घाटन स्व०रामरहस्य महाविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र यादव ने दीप प्रज्ज्वलित व माल्यार्पण करके किया। सरस्वती वंदना कु०सिद्धि पाण्डेय, कु०खुशी गुप्ता ने प्रस्तुत किया । लक्ष्य गीत व संकल्प गीत कु०शैली जायसवाल व सुमन गुप्ता ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के सेवानिवृत्त अध्यापक परमानन्द सिंह ने किया।
कार्यक्रम अधिकारी सम्राट जायसवाल ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम अधिकारी सर्वेश कुमार दूबे ने बताया इस सप्तदिवसीय विशेष शिविर के दौरान मलिन बस्ती में प्रतिदिन परियोजना कार्य के अन्तर्गत ज्वलंत समस्याओं जैसे-पर्यावरण प्रदूषण को कम करने वाले कारकों,खाद्य मिलावट की पहचान एवं उसकी रोकथाम,सामाजिक विकृतियों के संदर्भ में जन जागरूकता, उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन एवं जागरूकता कार्यक्रम, अनाज भण्डारण एवं रखरखाव की जानकारी, स्वास्थ्य एवं सफाई की जानकारी, बाढ़,भूकम्प, सूखा आदि के समय राहत कार्य की जानकारी दी जाएगी।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर वीरेंद्र यादव ने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) भारत सरकार, युवा मामलों और खेल मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे औपचारिक रूप से 24 सितंबर, 1969 को शुरू किया गया। यह ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों और स्कूलों के छात्र युवाओं को अवसर प्रदान करता है। भारत के कॉलेजों और विश्वविद्यालय स्तर पर तकनीकी संस्थान, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न सरकारी नेतृत्व वाली सामुदायिक सेवा गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए। एक सक्रिय सदस्य होने के नाते इन छात्र स्वयंसेवकों के पास एक कुशल सामाजिक नेता, कुशल प्रशासक और मानव स्वभाव को समझने वाले व्यक्ति होने का प्रदर्शन और अनुभव होगा।
विशिष्ट अतिथि सुनील कुमार पाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मागाँधी के जन्म शताब्दी वर्ष 24 सितम्बर 1969 में राष्ट्रीय सेवा योजना इस आशय के साथ प्रारम्भ की गई कि उच्च शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों में सामाजिक दायित्व, चेतना , स्वप्रेरित अनुशासन के साथ श्रम के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न हो। विद्यार्थी अपने अति रिक्त समय एंव अवकाश का सदुपयोग करने हेतू समाज सेवा करें तथा अपनी शिक्षा की पूर्णता हेतु वास्तविक परिस्थितियों से साक्षात्कार भी कर सकें। जिससे उनके व्यक्तित्व का विकास हो।
कार्यक्रम का संचालन विमलेश कुमार ने किया।
इस अवसर पर शिक्षक कु०उदिता दास, सत्यप्रकाश मिश्र,सिद्धेश्वर सिंह,चन्द्रभान सिंह,उमंग सिंह,राजेश्वर सिंह,कन्हैया सिंह ,अरविंद कुमार,रामअशीष मौर्य,गोपाल जी आदि उपस्थित रहे।
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