🌤️ *दिनांक - 31 मई 2024*
🌤️ *दिन - शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत - 1946*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ऋतु*
🌤️ *मास - ज्येष्ठ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार वैशाख*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - अष्टमी सुबह 09:38 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र - शतभिषा सुबह 06:14 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
🌤️ *योग - विष्कंभ शाम 06:05 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:37 तक*
🌞 *सूर्योदय - 05:57*
🌤️ *सूर्यास्त - 19:15*
👉 *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - पंचक*
💥 *विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
👉🏻 *संतान प्राप्ति और सौभाग्य की वृद्धि के लिए इतना जरूर करना चाहिए*⤵️
🌷 *खाज (Pruritis)* 🌷
➡ *पहला प्रयोगः आँवले के 2 ग्राम चूर्ण को 1 लीटर पानी में भिगोकर उसका पानी लगाने से तथा पूरे दिन वही पानी पीने से खाज में लाभ होता है।*
➡ *दूसरा प्रयोगः सफेद ऊन की राख को गाय के घी में मिलाकर खाज पर लगाने से लाभ होता है।*
➡ *तीसरा प्रयोगः पुराने खाज (विचिर्चिका) में डामर का लेप उत्तम दवा है।*
*डामर लगाकर पट्टी बाँधकर चार दिन के बाद खोलकर पुनः पट्टी बाँधें। ऐसी तीन पट्टियाँ बाँधें। चौथी पट्टी बाँधने के बाद एक सप्ताह बाद पट्टी खोलें तो खाज पूर्णतः मिट जायेगी।*
🙏🏻 *आरोग्यनिधि पुस्तक से*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *घर के अन्य स्थानों की बजाए रसोई घर में बैठकर खाना खाने से घर में राहु का प्रभाव कम होता है और सुख-शांति बनी रहती है।*
🕉️ *~ वैदिक पंचांग ~* 🕉️
🌷 *बरकत बढ़ाने के लिए* 🌷
📆 *रविवार, सप्तमी, नवमी, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण का दिन छोड़कर बाकी के दिनों में आंवले का रस शरीर पर लगाकर नहाने से भी घर में बरकत बढ़ती है देशी गाय का दूध पानी में डाल दें..थोड़ा सा ही ..उससे नहाने से भी जो बोलते हैं कि हमारे घर में बचत नहीं है वो होगी अथवा गाय का दूध सुबह जल्दी न मिल पाए तो दही गाय के दूध का ..वो शरीर पर मल के नहाने से भी बचत होती है... कष्ट कम हो जाते हैं ।
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