देवरिया। थाना क्षेत्र में विवादित भूमि पर एक पक्ष द्वारा कब्जा किए जाने के मामले में सुस्ती दिखाने और कोई कार्रवाई नहीं करने पर पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष एकौना को सस्पेंड कर दिया। महिला थाना के प्रभारी को एकौना का थानेदार बनाया गया है। वहीं एक दूसरे मामले में युवती के अपहरण के बाद लोकेशन मिलने के बाद भी बरामदगी का कोई प्रयास नहीं करने वाले जेल चौकी प्रभारी को भी पुलिस अधीक्षक ने देर शाम सस्पेंड कर दिया।
जिले के एकौना थाना क्षेत्र में एक गांव में विवादित भूमि पर एक पक्ष द्वारा कब्जा किया जा रहा था। दूसरे पक्ष ने थानाध्यक्ष सब इंस्पेक्टर संदीप सिंह को सूचना दिया। उन्होंने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। थक हारकर पीड़ित पक्ष ने इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक समेत उच्च अधिकारियों को दी। मामले की गंभीरता और थानाध्यक्ष द्वारा दायित्व में लापरवाही को देखते हुए एसपी ने गुरुवार की देर रात एकौना के थानेदार संदीप सिंह को निलंबित कर दिया।
महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक अर्चना सिंह को एकौना का थानेदार बनाया गया है। वहीं सदर कोतवाली के जेल रोड पुलिस चौकी के प्रभारी गोपाल प्रसाद राजभर एक युवती के अपहरण के मामले की विवेचना कर रहे हैं। मामले में युवती का लोकेशन मिलने के बाद भी उन्होंने उसकी बरामदगी के लिए कोई सक्रियता नहीं दिखाई। दायित्व में लापरवाही बरतने के आरोप में एसपी ने चौकी इंचार्ज गोपाल प्रसाद को देर शाम सस्पेंड कर दिया।जिले में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए एसपी संकल्प शर्मा ने सख्ती दिखाते हुए एक सप्ताह में चार थानाध्यक्षों को सस्पेंड किया है। इसमें भटनी थानाध्यक्ष रहे डा. महेंद्र कुमार, बनकटा थानाध्यक्ष रहे इंस्पेक्टर मुकेश मिश्र, भलुअनी थानाध्यक्ष रहे इंस्पेक्टर राजेश पांडेय, एकौना थानाध्यक्ष रहे सब इंस्पेक्टर संदीप सिंह और जेल चौकी प्रभारी रहे गोपाल प्रसाद शामिल हैं। एसपी की सख्ती के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।
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