* बिजावर विधानसभा क्षेत्र में बीईओ ओम प्रकाश पवया द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार प्रशासन की छवि को कर रहे धूमिल
*पंकज पाराशर छतरपुर
छतरपुर जिले में बिजावर विधानसभा क्षेत्र के शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के नाम पर फर्जी तरीके से वेतन निकाली जा रही, अतिथि शिक्षक नहीं जा रहे स्कूल लेकिन मिल रहा पूरा वेतन l संकुल प्राचार्यों व बीईओ की मिली भगत से खेला जा रहा खेल l पनागर संकुल अंतर्गत आने वाली शालाओं में पनागर संकुल में प्रधान अध्यापक ओम प्रकाश पवया एवं वर्तमान बिजावर बीइओ द्वारा अतिथि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया, जिसमें संकुल प्राचार्य द्वारा बड़ी संख्या में आर्थिक लाभ लेकर अतिथियों की भर्ती की गई है एवं अपने सगे संबंधियों को अपनी सुविधा के अनुसार शालाओं में पदस्थ किया गया l इनमें से कई अतिथि तो ऐसे हैं कि आज तक शाला में गए ही नहीं और हद तो तब हो गई जब पहले से शालाओं में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को नियुक्त नहीं किया गया और संकुल अंतर्गत कई नए शिक्षकों को नियुक्त कर दिया गया है l इन नियुक्ति के संबंध में ना तो किसी को जानकारी दी गई ना कहीं पर कोई पैनल बनाया गया ना ही किसी का आवेदन स्वीकार किया गया अपनी मनमर्जी से जहां जिस अतिथि को सेट करना है l वह संकुल प्राचार्य ओम प्रकाश पवया द्वारा अपने मन से किया गया इस संबंध में जब कई अतिथियों ने पूछा की आपने नए अतिथियों की नियुक्ति क्योंकि और पुराने अभी भी बेरोजगार घूम रहे हैं जिन अतिथियों को नियुक्त किया गया है l उनमें से कई अतिथि ऐसे हैं, जिनकी उसे पद के लिए योग्यता भी नहीं है और उसे पद पर नियुक्त कर दिया गया है और योग्य अतिथि आज भी अपना फार्म लिए हुए घूम रहे हैं इस संबंध में अनूप चौरसिया ने जनसुनवाई मे 5 सितंबर को कलेक्टर महोदय को आवेदन देकर अतिथियों के संबंध में निष्पक्ष जांच की मांग रखी और अनूप चौरसिया द्वारा कलेक्टर महोदय से आग्रह किया गया है कि वह संकुल अंतर्गत नियुक्त किए गए अतिथियों की जांच कराए और नियम अनुसार अतिथियों की भर्ती कराई जाए जहां जिस विषय के अतिथि शिक्षक की जरूरत है l वहां विषय अनुसार आवेदन स्वीकार किए जाएं इसके बाद नियुक्ति कराई जाए और जिसके द्वारा भी इस प्रकार का भ्रष्टाचार किया गया है, यदि वह जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाए, पनागर संकुल अंतर्गत अन्य भी कई और लोगों ने भी जनसुनवाई में आवेदन लगाए हैं l जिसमें भावना चौरसिया द्वारा कलेक्टर महोदय के सामने आवेदन रखा गया है कि उन्होंने शासकीय माध्यमिक शाला दमोतीपुरा में अतिथि शिक्षक के लिए अपना आवेदन दिया था जिसकी उन्हें पावती नहीं दी गई और और ना ही कोई जानकारी दी गई इसके बाद उन्होंने जब पता लगाया तो वहां पर बिना बताए गुपचुप तरीके से सुनील अनुरागी की नियुक्ति कर दी गई थी जो कि कभी स्कूल में आता भी नहीं है और वेतन निकाली जा रही है, एक मामला गोकल अहिरवार ने भी कलेक्टर महोदय के सामने आवेदन दिया है कि योग होते हुए एवं हाई स्कोर कार्ड होते हुए भी संकुल प्रचार ओमप्रकाश पवया द्वारा उनसे ₹9000 मांगे जा रहे थे l जो कि वह नहीं दे पाए तो उनकी नियुक्ति नहीं की गाई, अतुल चौरसिया ने पनागर संकुल अंतर्गत शासकीय प्राथमिक कन्या शाला में अपना आवेदन दिया था l संकुल प्राचार्य द्वारा पैसों का लेनदेन कर उनसे कम स्कोर कार्ड वाले की नियुक्ति कर दी गई जिसका आवेदन भी अतुल ने जनसुनवाई में कलेक्टर महोदय को दिया और भी कई आवेदन जनसुनवाई में संकुल पनागर में हुए भारी पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जनसुनवाई में दिए जा चुके हैं पर अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई साथ ही गौरतलाप है कि जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर द्वारा जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई जिसमें ओमप्रकाश पवया को ही प्रमुख बनाया गया, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप है और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है l
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