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रविवार, 30 जुलाई 2023

अब तक का मुख्य समाचार

 *फीस के 2.9अरब रुपये वापस होंगे,हाईकोर्ट ने दस दिन में फीस वापसी को कहा



*हाईकोर्ट के आदेश से डेढ़ लाख बेरोजगारों को आस


*दिसंबर 2012 में एकेडमिक मेरिट पर लिए गए थे आवेदन


*कई अभ्यर्थी रुपये वापसी के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं कर चुके हैं


संजोग मिश्र प्रयागराज। एकेडमिक मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए दिसंबर 2012 में आवेदन के रूप में 290 करोड़ (2.9 अरब) रुपये फीस देने वाले अभ्यर्थियों को एक दशक बाद फिर से अपनी रकम वापसी की उम्मीद जगी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीती 26 जुलाई को एक अभ्यर्थी राजकुमार मिश्र के मामले में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल को दस दिन में फीस वापस करने को कहा है। अब इस मामले की सुनवाई आठ अगस्त को होगी। इसी के साथ आवेदन करने वाले डेढ़ लाख से अधिक बेरोजगारों को भी फीस वापस मिलने की उम्मीद जगी है।


*नए सिरे से दिसंबर 2012 में विज्ञापन जारी हुआ


तत्कालीन बसपा सरकार ने 30 नवंबर 2011 को प्राथमिक स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट से शुरू की थी लेकिन पात्रता परीक्षा में धांधली के आरोप लगने के बाद सपा सरकार ने 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड (शैक्षिक गुणांक) के आधार पर करने का निर्णय लिया। इस भर्ती के लिए नए सिरे से दिसंबर 2012 में विज्ञापन जारी किया गया था।


*आवेदन के लिए 500-500 रुपये फीस ली गई


अभ्यर्थियों से प्रत्येक जिले में आवेदन के लिए 500-500 रुपये फीस ली गई। कई अभ्यर्थियों ने सभी 75 जिलों से फॉर्म भरा जिसके एवज में 40 हजार रुपये तक खर्च करने पड़े। जबकि अधिकांश अभ्यर्थियों ने 25 से 30 हजार रुपये फीस के रूप में सरकार को दिए। फीस के रूप में तब सचिव के खाते में 2,89,98,54,400 रुपये जमा हुए थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट के आधार पर भर्ती पूरी हुई। न तो एकेडमिक मेरिट पर भर्ती हुई और न ही बेरोजगारों के रुपये वापस हुए।




*डीएलएड की 1.33 लाख सीटें रह गईं खाली, अंतिम तिथि बढ़ाने का भी नहीं दिखा असर


*परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आवेदन की अंतिम तिथि 27 जुलाई तक बढ़ाई थी


*प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड मान्य होने के बाद से डीएलएड के प्रति कम हुआ रुझान


प्रमुख संवाददाता,प्रयागराज।डीएलएड प्रशिक्षण 2023 में प्रवेश को ऑनलाइन पंजीकरण के लिए दोबारा मौका मिलने के बावजूद 1,33,603 सीटें खाली रह गईं। शासन की अनुमति के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने आवेदन की अंतिम तिथि 27 जुलाई तक और फीस जमा करने की 28 जुलाई तक बढ़ाई थी। इसके बावजूद निर्धारित तिथि तक 121246 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 99747 अभ्यर्थियों ने प्रवेश लेने के लिए फीस जमा की है। पूरी तरह से भरे हुए आवेदन पत्र के प्रिंट आउट लेने की अंतिम तिथि 30 जुलाई है।इस बार प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) व सीटीई की 10600 और 2974 निजी कॉलेजों की 222750 कुल 233350 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। साफ है कि सवा लाख से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी। इससे पहले अंतिम तिथि 27 जून तक तकरीबन 57 हजार अभ्यर्थियों ने ही पंजीकरण कराया था।जिसके चलते आवेदन के लिए 27 जुलाई तक एक बार और मौका दिया गया था। प्रदेश में साढ़े चार साल से कोई शिक्षक भर्ती न आने और प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बीएड मान्य होने के बाद से डीएलएड के प्रति रुझान कम हुआ है। यही कारण है कि प्रदेशभर के 28 निजी कॉलेजों ने इस साल प्रवेश लेने से इनकार कर दिया है।




*दिल्ली में आयोजित धरना प्रदर्शन में प्रदेश से हजारों शिक्षक जाएंगे -चेत नारायण सिंह


*उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक प्रदेश कार्यालय पर सम्पन्न


*5 अगस्त को सभी मंडल मुख्यालयों पर समीक्षा बैठक आयोजित होगी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की बैठक प्रदेश कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह (पूर्व एमएलसी) व संचालन महामंत्री राम बाबू शास्त्री (पूर्व एमएलसी) ने किया। प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित धरना प्रदर्शन में प्रदेश के 75 जनपदों से हजारों शिक्षक जाएंगे। धरने की सफलता के लिए सभी प्रांतीय, मंडलीय व जनपदीय पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है। एनपीएस गो बैक का नारा देते हुए कहा कि प्रदेश के क्रांतिकारी शिक्षक 10 अगस्त को दिल्ली जरूर चलें।श्री सिंह ने कहा कि 5 अगस्त  को सभी मंडल मुख्यालयों पर बैठक आयोजित कर दिल्ली धरने की समीक्षा बैठक किया जायेगा, और धरने के लिए बैनर, पोस्टर व स्टिकर तैयार कराया जायेगा। 10 अगस्त के बाद जिलों में नव नियुक्त शिक्षकों व स्थानांतरण कर आये शिक्षकों से सम्पर्क अभियान कार्यक्रम चलेगा। सितम्बर माह के अंत तक लखनऊ में राज्य परिषद की बैठक आयोजित की जायेगी, जिसमें सभी प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ साथ मंडल व जनपद स्तर के भी पदाधिकारी प्रतिभाग करेंगे।बैठक में मंडलवार सदस्य्ता अभियान की समीक्षा की गयी और जिन जनपदों में सदस्य्ता जमा नही हो पाई है वहाँ विशेष अभियान चलाकर सदस्य्ता का लक्ष्य पुरा करने का निर्देश दिया गया है। पदाधिकारियों के अनुरोध पर प्रदेश के सदस्य्ता अभियान की तिथि 31 अगस्त निर्धारित कर दी गयी है। बैठक में बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन के पारिश्रमिक भुगतान, एनपीएस के अपडेट होने, तदर्थ शिक्षकों के भुगतान व वित्त विहीन शिक्षकों के मानदेय व सेवा नियमावली की भी चर्चा की गई। बैठक को पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, डा. सुरेश तिवारी, महेश शर्मा, स्वराज पाल दुहणु, नरसिंह बहादुर सिंह, अरुण कुमार दुबे, डा.राकेश सिंह, शिव सिंह, राम मोहन सिंह, संजय द्विवेदी, सुलेखा जैन्, विमलेन्द्र शर्मा , विनोद कुमार मिश्रा सहित अनेक लोगों ने भी सम्बोधित किया।




*एलएलबी में प्रवेश को पहला कटआफ जारी


*इविवि और कॉलेजों में 1125 सीटों पर होगा एडमिशन


प्रयागराज। संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने शनिवार को एलएलबी में प्रवेश के लिए पहला कटऑफ जारी कर दिया। सामान्य वर्ग के लिए 187 या इससे अधिक अंक, एसटी वर्ग के 114 या इससे अधिक अंक वाले 30 जुलाई से दो अगस्त तक पंजीकरण और दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे। दो अगस्त की शाम पांच बजे तक सत्यापन और फीस जमा होगी। वहीं एमएससी ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं एमएससी खाद्य प्रौद्योगिकी के पहले कटआफ के प्रवेश शनिवार को हो गए। अब बची सीटों पर दूसरा कटआफ जारी होगा।इलाहाबाद विश्वविद्यालय कैंपस, इलाहाबाद डिग्री कॉलेज और सीएमपी डिग्री कॉलेज में एलएलबी की 375-375 सीटों पर प्रवेश होना है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने शनिवार तक 54 परास्नातक पाठ्यक्रमों में से 48 का कटआफ जारी किया है। इसमें एलएलएम, कृषि जंतु विज्ञान, एमएससी पदार्थ विज्ञान, एमसीए, खाद्य प्रौद्योगिकी और आइपीएस सहित 20 पाठ्यक्रमों का कटआफ शुक्रवार को जारी किया गया। इसके अतिरिक्त एमए अर्थशास्त्रत्त्, एमसीए, एलएलएम, एमएससी पदार्थ विज्ञान, एमएससी खाद्य प्रौद्योगिकी, एमए मास कम्यूनिकेशन, एमए पेंटिंग, एमए संस्कृत, एमएफए, एमपीएड फिजिकल एजुकेशन, एमए सितार, एमए तबला, एमए वादन, एमकाम, एमपीए सितार, एमपीए तबला, एमपीए वादन, एमए-एमएससी मनोविज्ञान, एमवोक मीडिया स्टडीज, एमसीए, पीजीडीसीए पाठ्यक्रम शामिल हैं। हर विषय के अनुसार पंजीकरण, दस्तावेजों का सत्यापन और फीस जमा करने की तिथि घोषित की गई है।




*प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा पांच से


*विश्वविद्यालय प्रशासन ने जारी किया संशोधित परीक्षा कार्यक्रम*


*परीक्षा विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के संस्थानों में होगी 


प्रयागराज, संवाददाता। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) राज्य विश्वविद्यालय ने प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा का संशोधित कार्यक्रम शनिवार को जारी किया है। पाठ्यक्रमों को चार अलग-अलग ए, बी, सी व डी वर्ग में बांटा गया है। हर वर्ग में 20 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। संयुक्त प्रवेश परीक्षा पांच और छह अगस्त को ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी। परीक्षा परिसर और आसपास के संस्थानों में होगी। सही उत्तर पर एक अंक मिलेगा और हर गलत उत्तर पर एक तिहाई अंक काटे जाएंगे।ग्रुप ए में एलएलबी, एमएड, एमपीएड, एमलिब और एलएलएम को शामिल किया गया है। ग्रुप सी में बीबीए-आइपीएम, बीएएलएलबी आनर्स, बीपीएड और बीलिब, ग्रुप बी में एमसीए, एमएससी कृषि व ग्रुप डी में बीसीए, बीफार्म, बीएससी कृषि ऑनर्स, बीएससी बायोटेक को रखा गया है। हर ग्रुप में शामिल पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षा दो-दो घंटे की होगी।ग्रुप ए की परीक्षा पांच अगस्त को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे, ग्रुप सी की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक होगी। वहीं ग्रुप बी की परीक्षा छह अगस्त को सुबह 10 से 12 बजे तक और ग्रुप डी की परीक्षा दोपहर दो से चार बजे तक आयोजित की जाएगी। नौ अगस्त को रिजल्ट जारी होगा। प्रथम चरण की ऑनलाइन काउंसिलिंग 10 से 12 अगस्त तक, अलाटमेंट 13 अगस्त को और फीस 14 से 16 अगस्त तक जमा होगी। काउंसिलिंग का दूसरा चरण 18 से 20 अगस्त तक चलेगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग होगी। ग्रुप ए व सी में मात्रात्मक क्षमता, डाटा इंटरप्रिटेशन, रीजनिंग, अंग्रेजी भाषा समझ और सामान्य जागरूकता के प्रश्न होंगे। वहीं ग्रुप बी में मात्रात्मक क्षमता के स्थान पर गणित-कृषि तथा ग्रुप डी में गणित-जीव विज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।




*प्रवक्ता-16 के 110 पदों के लिए काउंसिलिंग दो को


प्रयागराज। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता (पीजीटी) 2016 में चयन के बावजूद कार्यभार ग्रहण न कर पाने के कारण रिक्त 110 पदों पर प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग दो अगस्त को शिक्षा निदेशालय में होगी।माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव के अनुसार हिन्दी, संस्कृत, शारीरिक शिक्षा, जीव विज्ञान, अंग्रेजी, गणित, वाणिज्य, कला, रसायन विज्ञान, नागरिक शास्त्रत्त्, अर्थशास्त्रत्त्, शिक्षाशास्त्रत्त्, भूगोल, इतिहास, भौतिक विज्ञान, मनोविज्ञान और समाजशास्त्रत्त् के रिक्त पदों पर काउंसिलिंग होगी। उप शिक्षा निदेशक प्रमोद कुमार के अनुसार 110 रिक्त पदों के लिए तकरीबन 200 अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। काउंसिलिंग में होने वाले अभ्यर्थियों का कटऑफ (गुणांक) एवं रिक्त पदों का विवरण वेबसाइटwww. madhyamikshiksha. upsdc. gov. in पर अलग से जारी किया जाएगा।




*इस बार भी टीईटी के आसार कम 


प्रयागराज। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) इस साल भी होने के आसार नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी-टीईटी कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से लेकर प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंपी है। टीईटी कराने में न्यूनतम चार से पांच महीने का समय लगता है।जबकि नया आयोग अब तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। पहले आयोग की अधिसूचना जारी होगी, उसके बाद अध्यक्ष और सदस्यों के लिए आवेदन लेकर उनकी नियुक्ति की जाएगी। इसमें कम से दो से तीन महीने का समय लग जाएगा। ऐसे में यदि आज की तारीख में भी नये आयोग की अधिसूचना जारी हो जाती है तो इस वर्ष यूपीटीईटी कराना नामुमकिन होगा। पिछले साल भी परीक्षा नहीं हो सकी थी। उससे पहले नवंबर 2021 के अंत में पेपर लीक होने के कारण 21 जनवरी 2022 को परीक्षा करानी पड़ी थी।




*एमबीबीएस में प्रवेश की अनुमति नहीं


लखनऊ। नेशनल मेडिकल कमीशन ने सरस्वती मेडिकल कालेज उन्नाव को 2023-24 में एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी है। इस कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। यूपी नीट यूजी काउंसिलिंग की सूची में यह कालेज अब शामिल नही किया जाएगा। इस आशय का आदेश शनिवार को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह ने जारी किया है।




*नाम बदलकर हासिल की नौकरी, केस


रामपुर। बिजली विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर संविदाकर्मी के रूप में तैनाती मिलने के एक मामले में बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता और संविदा कर्मी फंस गए हैं। इस मामले में चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्जकराया है।पुलिस मामले की जांच कर रही है।शहर कोतवाली के मुहल्ला घेर बेचा खां निवासी वसीम मियां ने कोर्र्ट के आदेश पर गंज थाने में मुक दमा दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि ज्वाला नगर की विष्णु विहार कालोनी निवासी विजेंद्र कुमार ने विद्युत वितरण खंड प्रथम में संविदा पर नौकरी नाम बदल कर हासिल ली है,जबकि उस पर अदालत में हत्या का मुकदमा चल रहा है। उसने संविदा पर नौकरी पाने के लिए उसने विजेंद्र के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवाए। इन फर्जी प्रपत्रों के माध्यम से तत्कालीन अधिशासी अभियंता समेत अन्य अधिकारियों की साठगांठ द्वारा संविदा पर नौकरी प्राप्त कर ली। उन्होंने इसकी शिकायत शहर कोतवाली में की,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई न होने पर कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने प्रार्थना पत्र में अदालत से संविदा कर्मी समेत एक्सईएन के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र बनाने, धोखाधड़ी करने और दूसरे नाम से नौकरी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश पुलिस को दिए जाने की मांग की। कोर्ट के आदेश पर गंज पुलिस ने इस मामले में तत्कालीन अधिशासी अभियंता के साथ ही संविदा कर्मी विजेंद्र कुमार व दो अन्य अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया है।


   

*आईटीआर भरने के लिए न करें अंत समय का इंतजार


हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ:इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। आखिरी वक्त में आईटीआर फाइल करते वक्त वेबसाइट में कई दिक्कतें आने लगती है। इससे करदाताओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। साथ ही 01 अगस्त, 2023 को आईटीआर फाइल करने पर करदाताओं को इनकम के हिसाब से पांच हजार रुपये तक फीस देनी पड़ सकती है। हिन्दुस्तान टीम ने शनिवार को दोपहर 12 से 01 बजे के बीच वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउटेंट सीए आरएल बाजपेई ने करदाताओं को रिटर्न फाइल करने में आ रही दिक्कतों को सुना। इस दौरान किसी ने पूछा कि अगर किसी शख्स की मौत हो जाए तो क्या उसका भी आईटीआर भरना जरूरी होता है या फिर नहीं? तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर कानून के अंतर्गत कोई विशेष लाभ की जानकारियां ली।


*पेनाल्टी टैक्सपेयर की आय पर निर्भर


वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउटेंट ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 का आईटीआर करदाता 31 जुलाई के बाद भी फाइल कर सकते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में पेनाल्टी देनी होगी। यह टैक्सपेयर के इनकम पर निर्भर करती है। आपकी इनकम पांच लाख सालाना से कम है, तो 31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करने पर एक हजार रुपये जुर्माना देना होगा। पांच लाख रुपये से अधिक के इनकम पर आईटीआर फाइल करने पर पांच हजार रुपये पेनाल्टी देनी होगी।


*रिटर्न फाइल के बाद ई-वेरिफिकेशन जरूरी


इनकम टैक्स वेबसाइट पर आईटीआर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन करना भी जरूरी है। बिना ई-वेरिफिकेशन आईटीआर पूरा नहीं माना जा सकता है। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को 30 दिन देता है, जिसमें आप आसानी से आधार के जरिए ई-वेरिफिकेशन कर सकते हैं। ई-वेरिफिकेशन के लिए पहले आप आईटी डिपार्टमेंट के ई-पोर्टल पर लॉगिन करें। यहां e-verify Return का विकल्प दिखेगा, जिस पर क्लिक करें। आगे पैन नंबर, असेसमेंट ईयर डालकर आगे मोबाइल नंबर दर्ज करें। इसके बाद मोबाइल पर आया 6 नंबर का ओटीपी दर्ज करें और इसे सब्मिट कर दें।


*किन लोगों को मिलेगा रिफंड?


जिन लोगों ने पूरे साल टीडीएस या एडवांस टैक्स के रूप में पहले ही ज्यादा टैक्स जमा कर दिया है, उन्हें रिफंड प्राप्त होता है। इस रिफंड को प्राप्त करने के लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है। इस रिफंड को आईटी डिपार्टमेंट टैक्सपेयर के बैंक खाते में ट्रांसफर करता है।


*इन गलतियों से रिफंड में देरी


- कई बार लोग इनकम टैक्स रिटर्न बिलकुल डेडलाइन पर फाइल करते हैं। इसके बाद वह आईटीआर वेरिफिकेशन में भी देरी करते हैं. ऐसे में उन्हें रिफंड मिलने में देरी होती है।


- वेरिफिकेशन का कार्य को पूरा करने के बाद ही किसी व्यक्ति को रिफंड प्राप्त होगा. ऐसे में वेरिफिकेशन को जल्द से जल्द पूरा करें ताकि जल्द आपको रिफंड राशि प्राप्त हो जाएं।


आम नागरिकों की शंकाएं


सवाल


मेरे एक रिश्तेदार की मौत हो गई है तो क्या उनका भी आईटीआर भरना जरूरी होता है या फिर नहीं? आखिर मृत व्यक्ति का आईटीआर कौन फाइल करेगा और क्या प्रक्रिया होगी?


श्रृति, राजाजीपुरम


जवाब


अगर किसी शख्स की मौत हो जाए तो उस मृत व्यक्ति का भी आईटीआर फाइल करना जरूरी होता है। मृत व्यक्ति का आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे पहले उसके किसी परिजन को कानूनी वारिस की मंजूरी दिलानी होगी। इसके लिए आप कोर्ट का सहारा ले सकते हैं। कोर्ट की तरफ से व्यक्ति के करीबी सदस्य जैसे पति-पत्नी या बेटे-बेटी या किसी और को कानूनी वारिस बना दिया जाता है।


सवाल


मेरे एक पारिवारिक सदस्य के पैन नंबर पर ढाई लाख रुपए का हाउस रेंट जमा किया हुआ दिखाया गया है, जबकि उस सदस्य के नाम कोई मकान नहीं है, अतः किसी को भी कुछ किराए पर देने का प्रश्न ही नहीं उठता है। अब यह ढाई लाख अतिरिक्त इनकम, जो ग़लत है। इनकम टैक्स के संबंधित साइट में दिखा रहा है?


डॉ. पशुपति पाण्डेय, गोमती नगर


जवाब


किसी व्यक्ति द्वारा पैन नंबर का दुरुपयोग किया गया है। इनकम टैक्स के एआईएस में इस इनकम को डिक्लाइन कर दीजिए और अपने रिटर्न में इस इनकम को घटा दीजिए।


सवाल


टैक्सपेयर्स का कोई सरकारी संगठन या फोरम है जो टैक्सपेयर्स के लिए काम करता हो ।


डॉ राघवेन्द्र शुक्ला, विनय खंड, गोमती नगर


जवाब


ऐसी बहुत सारी संस्थाएं व संगठन हैं, उनके माध्यम से सरकार से कोई बात कहना चाहते हैं तो कह सकते हैं। व्यक्तिगत तौर पर भी आप कोई समस्या कह सकते हैं।


*वरिष्ठ नागरिकों ने भी पूछे सवाल


सवाल


पिछले तीन दिन से आयकर विभाग की वेबसाइट नियमित रूप से चल नही रही है। बार-बार लॉग इन करने से रिटर्न का काम पूरा नहीं हो पा रहा है, जिससे अनावश्यक तनाव हो रहा है। क्या रिटर्न दाखिल करने में 31 जुलाई से अतिरिक्त सप्ताह का समय मिलने की संभावना है।


राम लखन गुप्ता


रिटायर्ड अधिकारी, गोमतीनगर


जवाब


इस समय अधिकांश आय करदाता वेबसाइट ऑपरेट कर रहे है। इसलिए ऐसी समस्या हो सकती है, आप लगातार प्रयास करते रहे। अन्यथा किसी रिटर्न सहायक की सेवा लेकर यह कार्य सीमित समय मे ही पूरा करें। रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ने की कोई संभावना नहीं है।


सवाल


मकान बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स के लिए आय किस प्रकार निकलती है? क्या मकान बिक्री की राशि किसी भी खाते में जमा की जा सकती है?


रूप कुमार शर्मा, गोमतीनगर


जवाब


मकान बेचकर दूसरा मकान लेने पर कैपिटल गेन नहीं लगता है। मकान बिक्री की राशि खाता खोलकर जमा कर दें तथा नये मकान हेतु उसी खाते से भुगतान करें। किसी भी प्रोफेशनल से आयकर रिटर्न दाखिल करवा सकते हैं।


सवाल


आधार और पैन कार्ड अभी लिंक नहीं हो पाया है। क्या पांच साल पहले के टैक्स का रिफंड क्लेम किया जा सकता है?


वीके पांडेय, विवेकखंड, गोमतीनगर


जवाब


अब आधार और पैन कार्ड लिंक करा लीजिए। पांच साल पहले के टैक्स का रिफंड अब नहीं हो सकता।


*सरकारी कर्मचारियों ने भी पूछे सवाल


सवाल


कई बार आईटीआर दाखिल करने के बाद आयकर धन वापसी (इनकम टैक्स रिफंड) की स्थिति की जानकारी समय से प्राप्त नहीं हो पाती हैं। ऐसी स्थिति में रिफंड की जानकारी कैसे कर सकते है ?


इं जय प्रकाश


केन्द्रीय अध्यक्ष, राज्य विद्युत पारिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन


जवाब


वैसे तो सामान्य स्थितियों में ऐसी कोई दिक्कत नहीं आती हैं। इसके बावजूद कई बार आईटीआर भरते समय टीडीएस डिटेल में कुछ त्रुटिपूर्ण आंकड़े भर उठने अथवा डाटा मिसमैच की स्थिति में यह समस्या आती हैं। इसलिए उसे ऑनलाइन माध्यम से दोबारा चेक करके टीडीएस डिटेल को भरकर आईटीआर दोबारा फाइल करने पर यह समस्या दूर हो जाती हैं l

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*व्यापारियों ने पूछे सवाल


सवाल


इस समय जीएसटी में कई दिक्कतें आ रही है। यदि हमने किसी से इस महीने माल खरीदा। हम अपने यहां परचेज में उसको चढ़ाते हैं और हमारा सप्लायर उस महीने समय से रिटर्न नहीं फाइल करता हैं। इस केस में हमे उस महीने उस परचेज की आईटीसी नहीं मिल पाती हैं तो इसका कोई विकल्प होना चाहिए।


सुरेश छाबलानी


वरिष्ठ महामंत्री, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल


जवाब


ए टू बी दोनों में पापुलेट करेगा, जब तक ए टू बी पॉपलेट नहीं करते। तब तक आपको क्रेडिट नहीं मिलेगा। इसलिए अगर ऐसी कोई दिक्कत आती हैं तो गिवेंस आप डाल सकते हैं। जीएसटी पोर्टल पर उसकी भी पोपलिटी है। आप जोश टितल ऑफिसर को लेटर भी लिख सकते हैं कि ये ये तरीक में माल खरीदा है। इसका क्रेडिट हमें नहीं मिल पा रहा है, लेकिन पहले थोड़ा सा आप परसूस उसी से करिए, जिससे आपने माल खरीद रखा है। वह पहले अपना रिटर्न भरे और टैक्स जमा करें ताकि सभी हमको क्रेडिट मिलेगा।


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सवाल


जीएसटी में 40 लाख से नीचे को लिमिट वाले व्यापारी अपने दुकान पर कितना स्टॉक रख सकते है। वह व्यापारी अगर शहर से बाहर माल भेजते है तो इनको कौन से पेपर्स साथ भेजने चाहिए जिससे उनका माल रास्ते में रोक न जाए। ऐसे छोटे व्यापारी को अपनी दुकान पर एक समय में कितना स्टॉक रखना चाहिए छोटे व्यापारी त्यौहार के सीजन से बड़ी उम्मीद रखते हुए ही अपनी दुकान पर माल भरते है ऐसे में क्या वो व्यापारी एक समय में वो 15 से 20 लाख का स्टॉक रख सकते हैं?


अशोक मोतियानी


अध्यक्ष, उतर प्रदेश कपड़ा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल


जवाब


यदि 40 लाख रुपये के अंदर टर्नओवर वाला व्यापारी 20 लाख रुपये तक सीजन में सामान रख सकते हैँ। इसके अलावा अगर 50 हजार रुपये तमक माल बाहर भेजता है तो पंजीकृत व्यापारी ई-बिल बनाएगा। यदि 50 हजार रुपये से कम माल है, तो सामान्य बिल बनाकर भेजेगा।


सवाल


2017-18 से जीएसटी एक्ट लागू हुआ है। उस समय व्यापारियों को ज्यादा जानकारी नहीं थी। उस समय जो रिकार्ड सरकार को दे दिया वह हल हो गया। अब टैक्स बकाएदारी की नोटिस आ रही हैं। जिसमें सरकार 24 प्रतिशत ब्याज लगा रही हैं। जो 2017-18 से पहले 15 प्रतिशत था।


जितेन्द्र सिंह चौहान, अध्यक्ष, स्टेशनरी विक्रेता एवं निर्माता एसोसिएशन


जवाब


टू-वे में वहां से दिक्कत आ रही है कि, जैसे आप ने किसी से माल खरीदा और उन्होंने पोर्टल पर वह बिल लॉज नहीं किया। इससे आपके टूवे बिल में वह एंट्री नहीं आ रही है। मूल दिक्कत यह है। ऐसे में 2017-18 में काफी एग्जेम्शन हैं। टूवे व टूजी बाद में आए हैं। तो उस समय आप ओरिजनल इनवाइस पर अधिकारी से बात कर सकते हैं। उस पे आपको राहत मिल जाएगी।


सवाल


वित्तीय वर्ष में आयकर विभाग द्वारा मध्यमवर्ग के लिए ₹07 लाख रुपये तक आयकर सीमा में छूट दी गई, मेरा सवाल यह है कि ₹07 लाख से ऊपर अगर हम ₹100 रुपये भी कमाते हैं तो सीधे ₹20 हजार रुपये टैक्स अदा करना पड़ता है, 07 लाख रुपये से ऊपर अर्जित की गई कमाई पर ही टैक्स होना चाहिए था,


अनिरुद्ध निगम


अध्यक्ष, ट्रांस गोमती उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल


जवाब


बिल्कुल। 07 लाख से ऊपर अगर ₹100 रुपये भी कमाते हैं तो सीधे ₹20 हजार रुपये टैक्स अदा करना पड़ता है, 07 लाख रुपये से ऊपर अर्जित की गई कमाई पर ही टैक्स होना चाहिए था, सिर्फ पांच लाख रुपये तक छूट की सीमा है।


सवाल


टैक्स रिटर्न भरने के बाद एक्नालेजमेंट में आईपी एड्रेस लिखा रहता है, यह क्या होता है।


महेश चन्द्र, रिटायर्ड कर्मचारी


जवाब


पहले मैजुअल रिटर्न जमा होता था। बहुत से केस में होता था कि रिटर्न फेक (झूठा) है। विभाग से वैरीफाई करना पड़ता था। उसके बाद एक नम्बर के साथ स्टैम्प लगना शुरू हुआ। जिससे वहां सीरियल नम्बर वैरीफाई हो जाए। ऑनलाइन सिस्टम जब शुरू हुआ, तो यह किया गया कि कोई भी व्यक्ति किसी का रिटर्न फाइल कर सकता है। तो उस व्यक्ति की एकाउंटिबिलिटी क्या है। किसने रिटर्न फाइल किया इसके लिए आईपी एड्रेस आ रहा है। जिसके माध्यम से रिटर्न फाइल होता है यह उसका एड्रेस होता है।


सवाल


अभी तक आईटीआर-वन दाखिल कर रहे थे। अब बिना वेतन के निजी कम्पनी में डायरेक्टर पद पर ज्वाइन किया। तो कौन सा आईटीआर फार्म दाखिल करें।


केके दीक्षित (वीआरएस कर्मचारी)


जवाब


आईटीआर-टू दाखिल करना होगा। आप डायरेक्टर हैं, आपको डिक्लरेशन करना होगा। कम्पनी का टिन और पैन नम्बर मेन्सन होगा। यह जरूरी है। आप डायरेक्टर है, आईटीआर-टू दाखिल करना होगा।


सवाल


कृषि हेतु जमीन पर जो आमदनी हो रही है उसपर इनकम टैक्स लगेगा या छूट है।


प्रदीप कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष, मानवाधिकार जनसेवा परिषद


जवाब


आप दूसरा व्यवसाय या नौकरी करते हैं तो पूरी आमदनी जुड़ती है। उसके बाद में उसमें एग्जम्शन मिलता है। मगर शतप्रतिशत नहीं। माना आपकी आमदनी छह लाख है। एक लाख कृषि आमदनी जुड़ गई तो सात लाख का टैक्स बनेगा। उसके बाद कृषि वाली छूट मिलेगी। छूट में ढाई लाख की बेसिक एग्जम्सन लिमिट है। उसमें कृषि आमदनी जुड़ेगी और उसपे जो टैक्स लगेगा उसमें छूट मिलेगी। मोटा-मोटा पांच प्रतिशत की छूट मिल जाएगी और 25 प्रतिशत टैक्स लगेगा। जो केवल कृषि करते हैं उन पर कोई टैक्स नहीं लगता है।


सवाल


10-12 वर्षों से एसआईपी चल रही है। इस वर्ष कुछ पैसा निकाला है। क्या उस पर लॉग टर्म कैपिटल गेन लगेगा।


आरके बाजपेई, सरकारी कर्मचारी


जवाब


12 माह की जो लेटेस्ट एसआईपी हैं, वह शार्ट टर्म कैपिटल गेन में जाएंगी और जितनी इसके ऊपर की हैं, लॉग टर्म कैपिटल गेन में जाएंगी। वह फीफो मैथेड पर लगाएंगे। आपकी पार्शियल निकासी है तो जो पहले वाली एसआईपी हैं, उसमें विदड्रा हो जाएगा पैसा। उसपे आपको लॉग टर्म कैपिटल गेन देना पड़ेगा। इंडक्सेशन का लाभ नहीं मिले

   

*प्रायोगिक परीक्षा में मनमानी पर कॉलेजों को चेतावनी


प्रयागराज। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय के लगभग 400 कॉलेजों ने सम सेमेस्टर की प्रायोगिक परीक्षा कराने में नियमों को नहीं माना।जिन परीक्षकों से प्रायोगिक परीक्षा कराई गई उनका नाम तक विश्वविद्यालय को नहीं भेजा। कुलसचिव ने महाविद्यालयों को रविवार तक सूचना नहीं देने पर परिणाम रोकने की चेतावनी दी है। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह का कहना है कि रविवार तक परीक्षकों के नाम नहीं भेजने वाले कालेजों के परिणाम को रोका जाएगा।राज्य विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों की प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए नियम बनाए थे। महाविद्यालयों के प्राचार्यों को अपने स्तर से प्रायोगिक परीक्षा के लिए वाह्य परीक्षकों की नियुक्ति करते हुए परीक्षा से तीन दिन पहले उनके नाम विवि को उपलब्ध कराना था। इसके उलट महाविद्यालयों ने प्रायोगिक परीक्षा कराने के बाद भी विश्वविद्यालय को परीक्षकों के नाम नहीं बताए।




*लाखों की सैलरी छोड़कर इंजीनियर बने सन्यासी, देश भर में लक्ष्मण मंदिर बनाएंगे।


ज्ञान प्रकाश लखनऊ।लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार में एक भव्य लक्ष्मण-उर्मिला मंदिर तैयार हो रहा है। एक एकड़ में बन रहे इस मंदिर की प्रतिमा नेपाल से आएगी। देश भर में ऐसे 108 मंदिर बनवाने का संकल्प लेने वाले जगदगुरु रामभद्राचार्य के शिष्य धीरेन्द्र वशिष्ठ हैं। पेशे से इंजीनियर और लाखों का सैलरी पैकेज छोड़कर अचानक सन्यासी हो गए। उनकी इच्छा नासिक से लेकर गंगासागर तक लक्ष्मण मंदिर बनाने की है। धीरेन्द्र वशिष्ठ ने लखनऊ में एलपीएस से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की। इसके बाद अवध यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिट्रेचर से पीजी फिर बीटेक किया। 2010 में एक बड़ी कंपनी में रीजनल मैनेजर बने जहां उनका पैकेज 27 लाख का था। कई अन्य सुविधाएं मिली हुई थीं लेकिन इससे वह संतुष्ट नहीं थे। धीरेन्द्र वशिष्ठ ने हिन्दुस्तान को बताया कि कार्पोरेट जगत में हर कोई स्वार्थी होता है। मानवता, जीवन के मूल्य, नैतिकता कहीं नजर नहीं आती। मन विरत होने लगा।   


*इंजीनियर से सन्यासी तक की यात्रा


वर्ष 2013 में अचानक मन उचाट हो गया। नौकरी छोड़कर सन्यास ले लिया। यहां वहां मन्दिरों में भटकते रहे ईश्वर और जीवन के लक्ष्य की खोज में। 16 नवम्बर 2016 को हनुमान सेतु मन्दिर में बजरंगबली के आगे रो रहे थे कि एक वृद्ध ने कंधे पर हाथ रखा। ठीक अगले दिन चित्रकूट में जगदगुरु रामभद्राचार्य से भेंट कराई। उनसे दीक्षा ली। 2019 में धीरेन्द्र वशिष्ठ को तीर्थराज प्रयागराज में अधिकारिक रूप से संत की मान्यता मिली। उन्होंने ही प्रभु श्रीराम के अनुज लक्ष्मण और उनकी पत्नी उर्मिला का मंदिर बनाने का संकल्प दिलाया।  


*भगवान श्री लक्ष्मणपीठ सेवान्यास की स्थापना


धीरेन्द्र वशिष्ठ ने पहले मंदिर केलिए दान में भूमि लेने का प्रयास किया लेकिन दान देने वालों की शर्तें और स्थान उनको समझ नहीं आया। इसके बाद भगवान श्री लक्ष्मणपीठ सेवान्यास की स्थापना की। कुछ बचा हुआ पैसा लगाया। साथ ही कथा कह कर धन जुटाना शुरू किया। इसमें सफलता मिली। वर्ष 2021 में जानकीपुरम विस्तार में जमीन लेकर ध्वजा लगाई। फिर मंदिर का निर्माण शुरू किया। बाउंड्री और मंदिर केलिए दफ्तर लगभग तैयार हो चुका है। दो वर्ष में मंदिर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। धीरेन्द्र वशिष्ठ के अनुसार बिना लक्ष्मण के श्रीराम राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती। 14 वर्ष तक बिना सोये रक्षक के रूप में सजग रहे। मां उर्मिला ने भी इतने ही समय तप किया।   




*स्कूली बच्चों से धूप में कोई काम न लें


लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। भीषण उमस व गर्मी का स्कूली बच्चों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव के मद्देनजर स्कूलों के समय में परिवर्तन करने में आ रही तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने अब सभी स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है। बीएसए के माध्यम से सभी प्रधानाध्यापक, एआरपी, एसआरजी, जिला समन्वयक एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों को भेजे 20 बिन्दुओं की इस एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से अमल में लाने को कहा गया है।साथ ही यह ताकीद की गई है कि तापमान और आर्द्रता में उत्तरोत्तर वृद्धि होने के कारण उमस भरी गर्मी से बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ऐसी स्थिति में विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों तथा शिक्षकों को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है। उमस भरी गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी होने तथा अन्य समस्याएं यथा बुखार आना, चक्कर आना, मांस पेशियों में ऐंठन, थकान कमजोरी, सिर-दर्द, उल्टी आदि आना हो सकता है। इसके अतिरिक्त आइ-फ्लू का प्रकोप भी फैल रहा है। ऐसी स्थिति में विद्यालय स्तर पर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।


● बच्चों को धूप में किसी भी प्रकार के कार्यों में न लगाया जाए।


● खेल एवं अन्य आउटडोर गतिविधियां प्रात काल 900 बजे तक पूर्ण कर ली जाएं।


● बच्चों को अपने साथ पानी पीने की बोतलें लाने के लिए कहा जाए। घर वापस जाते समय यह सुनिश्चित करें कि बोतलों में पानी अवश्य हो। ● विद्यालयों में बच्चों को मीनू के अनुसार ताजा एवं गुणवत्ता युक्त गरमा-गरम मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराएं।


● विद्यालय स्तर पर फर्स्ट एड की व्यवस्था करें जिसमें ओआरएस, बुखार, उल्टी आदि से जुड़ी दवाई उपलब्ध हो।


● सभी कक्षाओं के सभी पंखे काम कर रहे हो ताकि बच्चों के लिए उचित वातावरण उपलब्ध हो 

    

*लर्निंग आउटकम निखारेंगे पांच डीटीएच चैनल


लखनऊ। बच्चों के लर्निंग आउटकम को निखारने के लिए योगी सरकार ने पीएम ई विद्या कार्यक्रम के तहत 5 डीटीएच टीवी चैनल की शुरुआत की है। यह चैनल शनिवार से डीडी फ्री डिश तथा डिश टीवी पर निशुल्क उपलब्ध हो गए हैं। इस नई पहल के माध्यम से अब बच्चे विद्यालय के साथ घर में भी पढ़ाई कर सकेंगे। साथ ही शिक्षकों को भी पढ़ाई के नए तौर तरीके सीखने का अवसर मिलेगा।




*शिक्षा समागम का बच्चों ने देखा सीधा प्रसारण


कोरांव। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर प्राथमिक विद्यालय टोंगा कला में शिक्षा समागम कार्यक्रम 2023 का प्रसारण बच्चों ने देखा। अध्यापक अशोक द्विवेदी के अनुसार शिक्षाविदों, क्षेत्र विशेषज्ञ, नीति निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्कूलों सहित उच्च शिक्षा और कौशल संस्थानों के छात्रों समेत अन्य लोगों को सफलता की कहानी साझा करने के लिए यह समागम एक मंच प्रदान कर रहा 

   

*पीएम श्री से बदलेगी विद्यालय की सूरत


वरुणा बाजार। पीएम श्री योजना से चयनित विद्यालयों की सूरत बदलने वाली है। इसके अन्तर्गत स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कम्प्यूटर व्यवस्था, योग कक्ष, खेल मैदान इत्यादि की सुंदर व्यवस्था होगी। ऐसे विद्यालय क्षेत्र के गौरव के रूप में विकसित होंगे। उक्त बातें हंसराजपुर स्थित संविलियन विद्यालय में पीएम श्री जन भागीदारी कार्यक्रम में बीईओ विश्वनाथ प्रजापति ने कही।

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