देवरिया, 25 अगस्त। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा० पी०एन० सिंह ने बताया है कि प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों राजस्थान, हरियाणा आदि से प्रदेश के पश्चिमी 15 जनपदों में लम्बी स्किन डिजिज (LSD) का गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का संक्रमण हुआ है। यह एक विषाणुजनित रोग है। इसका प्रसार प्रभावित पशुओं से वेक्टर (मच्छर, मक्खी, किलनी आदि) के माध्यम से अन्य पशुओं में होता है। इस बीमारी से संक्रमित पशुओं को बुखार होता है तथा पूरे के दूध शरीर पर गांठे (NODULE) बन जाती है तथा पशु खाना-पीना छोड़ देता है, जिससे कमजोर हो जाता है, गर्भित पशुओं में गर्भपात हो सकता है तथा चमड़ें पर बनी हुयी गांठों में मवाद भी पड़ सकता है। यदि पशुओं में उपरोक्त लक्षण प्राप्त होते हैं तो उन्हें अन्य सामान्य पशुओं से पृथक रखा जाय तथा तत्काल इसकी सूचना विभाग को दिया जाय। सम्बन्धित क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव, फागिंग, साफ-सफाई करायी जाये। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलाये तथा पशु को उबाल कर प्रयोग करें। बीमार पशु की देख-भाल करने वाले व्यक्ति को भी स्वस्थ पशुओं से दूर रहना चाहिए। संक्रमण की स्थिति में पशुओं को सामूहिक चरने के लिए न भेजे तथा यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को खुले मे न फेकें तथा वैज्ञानिक तरीके से दफनायें। यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नही फैलती है, इसलिए किसी भी अफवाह से बचे।
जनपद में LSD संक्रमण के प्रसार को रोकने एवं उपचार हेतु जिलाधिकारी के आदेश पर समस्त 16 विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा उप जिलाधिकारीगण को तहसीलवार जोनल मजिस्ट्रेट नामित किया गया है तथा पशुपालन विभाग द्वारा समस्त विकास खण्डों में उपचार हेतु रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। जनपद में अन्य जनपदों से गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं के परिवहन को पर पूर्णतः प्रतिबन्धित किया गया है तथा अग्रिम आदेशों तक गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का कोई भी हाट / मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा
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