क्या कहना है पुलिस का?
संजीव द्विवेदी अलियास रामू ने साल 2012 में मेहड़ा पुरवा थाना कोतवाली के एक व्यवसाई से दस लाख रुपए एवं जमीन की अवैध मांग की थी, जिसमें वादी पर आपराधिक दबाव बनाते हुए अंतिम रिपोर्ट लगवा दी गई थी।
वहीं, वादी ने फिर से प्रार्थना पत्र दिया और पुनः विवेचना की गई तो अभियुक्तों के द्वारा किए गए अपराध का साक्ष्य प्राप्त हुआ। द्विवेदी पर साल 2014 में व्यवसाई संजय केडिया और उनके साथियों पर गोली चलाने एवं रंगदारी मांगने का भी आरोप लगा था लेकिन तत्कालीन समय धारा 307 ,384 समाप्त करते हुए हल्की धाराओं में आरोप पत्र तैयार किया गया। इस संबंध में गोली लगने तथा रंगदारी मांगने की पुष्टि होने पर कोतवाली पुलिस द्वारा यह कार्यवाही की गई है।--
श्रीपति मिश्र, पुलिस अधीक्षक, देवरिया
गिरफ्तार किए गए रामू द्विवेदी के छोटे भाई श्यामू ने बताया कि योगी सरकार ब्राह्मण विरोधी हो चुकी है और यह ब्राह्मणों को उत्तर प्रदेश से भगाना चाहती है। भैया के ऊपर पूर्व में लगे सभी आरोप खारिज हो चुके हैं। अब उन्हें किस लिए गिरफ्तार किया गया, पता नहीं। साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की जा रही है। रामू द्विवेदी अभी दो महीने से स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे और दो दिन पहले ही मेदांता में उनकी जांच हुई, जिसकी रिपोर्ट भी अभी नहीं मिली है। ऐसे मे बिना किसी अपराध के रात में 1:30 बजे उन्हें लखनऊ स्थित अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया , यह निंदनीय है।
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