भागवत कथा के तीसरे दिन श्रोताओं ने ध्रुव चरित्र और भक्त प्रह्लाद के रोचक प्रसंग का रसपान किया
ग्राम कन्हौली में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिन।
रूद्रपुर देवरिया । क्षेत्र के ग्राम कन्हौली में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अंतर्यामी सिंह के यहाँ चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन भागवत आचार्य कथा व्यास पूज्य मृत्युंजय जी महाराज ने ध्रुव चरित्र एवं प्रहलाद चरित्र का रोचक वर्णन किया। उन्होंने कथा के दौरान कहा कि मनु और शतरूपा के दो पुत्र और तीन पुत्रियां हुईं। पुत्रों के नाम प्रियव्रत और उत्तानपाद। राजा उत्तानपाद की दो रानियां थीं। एक का नाम सुरुचि और दूसरी का नाम सुनीति था। राजा सुरुचि को अधिक प्यार करते थे। उनके पुत्र का नाम उत्तम और सुनीति के पुत्र का नाम ध्रुव था। बालक ध्रुव एक बार पिता की गोद में बैठने की जिद करने लगता है, लेकिन सुरुचि उसे पिता की गोद में बैठने नहीं देती है। ध्रुव रोता हुआ मां सुनीति को सारी बात बताता है। मां की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह ध्रुव को भगवान की शरण में जाने को कहती हैं। पांच वर्ष का बालक ध्रुव राज्य छोड़कर वन में तपस्या के लिए चला जाता है। नारद जी रास्ते में मिलते हैं और ध्रुव को समझाते हैं कि मैं तुम्हें पिता की गोद में बैठाउँगा, लेकिन ध्रुव ने कहा कि पिता की नहीं अब परम पिता की गोद में बैठना है। कठिन तपस्या से भगवान प्रसन्न हो वरदान देते हैं। भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने कहा कि पिता अगर कुमार्ग पर चले तो पुत्र का कर्तव्य है, उसे सही मार्ग पर लाए। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद प्रहलाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा। भगवान ने नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध कर अपने परमधाम को पंहुचाया। इस अवसर पर यजमान श्रीमती उर्मिला सिंह व अंतर्यामी सिंह, अभिषेक सिंह, मिहिर सिंह, खड्ग बहादुर सिंह, नित्यानंद त्रिपाठी, महेश मणि त्रिपाठी जिला मंत्री भाजपा,अपुल त्रिपाठी, जयकृत सिंह, दिग्विजय सिंह,ज्ञ अरुण सिंह, अखिलेश जायसवाल, रमाशंकर निषाद,संतोष चौरसिया सहित काफी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु उपस्थित रहे ।
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