गोरखपुर।
खालिस्तान और गैंगस्टर नेटवर्क के खिलाफ देश भर में चल रही छापेमारी के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की एक टीम बुधवार को गोरखपुर पहुंची। NIA ने यहां शातिर गैंगस्टर शॉर्प शूटर शशांक पांडेय की क्राइम कुंडली खंगाली।
शशांक कैंट इलाके के सिंघड़िया आदर्शनगर का रहने वाला है। वह लारेंस विश्नोई और गोल्डी बराड गैंग को असलहा सप्लाई करता था। पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के कुछ दिनों बाद ही शशांक अंबाला में असलहों के साथ पकड़ा गया था।
उस वक्त भी पंजाब पुलिस ने गोरखपुर पुलिस से शशांक की हर गतिविधि की जानकारी मांगी थी। फिलहाल, गोरखपुर में उसके मकान पर दो साल से ताला बंद था। कुछ साल पहले पिता की मौत के बाद उसकी मां गांव चली गईं। लेकिन, कुछ दिनों पहले मां ने इस घर को एक यादव परिवार को बेच दिया।
गोरखपुर के सिंघड़िया आदर्शनगर के इसी मकान में शशांक रहता था। लेकिन, 6 साल पहले पिता की मौत के बाद उसकी मां गांव चली गईंं। अभी करीब 10 महीने पहले मां ने यह घर एक यादव परिवार को बेच दिया।
गोरखपुर के सिंघड़िया आदर्शनगर के इसी मकान में शशांक रहता था। लेकिन, 6 साल पहले पिता की मौत के बाद उसकी मां गांव चली गईंं। अभी करीब 10 महीने पहले मां ने यह घर एक यादव परिवार को बेच दिया।
दरअसल, NIA ने बुधवार को 6 राज्यों में एक साथ कार्रवाई की। एजेंसी ने बुधवार सुबह यूपी के 5 शहरों समेत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-NCR, और उत्तराखंड में 53 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस छापामारी के दौरान NIA की एक टीम बुधवार को गोरखपुर पहुंची। सबसे पहले NIA यहां गोरखपुर पुलिस से संपर्क कर गाड़ी और फोर्स की डिमांड की और बाद छापामारी के लिए निकल गई।
NIA सुबह सिंघड़िया आदर्शनगर स्थित शशांक पांडेय के घर पहुंची। घर में टीम को मकान मालिक यादव परिवार और किराए पर रह रहे दयाल, आकाश समेत 4 मजदूर मिले। NIA ने सभी से पूछताछ की और शशांक के बारे में भी जानकारी मांगी। हालांकि, उन्हें शशांक के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था। करीब एक घंटे पूछताछ के बाद NIA ने सभी का आधार कार्ड भी लेकर अपने पास जमा किया। इसके बाद टीम ने आसपास के लोगों से उसके बारे में जानकारी जुटाई। लेकिन, मोहल्ले के लोग भी टीम को कोई ठोस जानकारी नहीं दे सके।
टीम के साथ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, DSP बिहार और पुलिस भी साथ में थी। लोगों का कहना है कि शशांक काफी गरीब था। कभी लगा नहीं कि वह इतना बड़ा अपराधी है। अधिकांश लोग उसके भाई राहुल से ही मिले थे। लेकिन, कभी शशांक को नहीं देखा था।
इस दौरान NIA को आसपास के लोगों से सिर्फ इतना ही पता चल सका कि शशांक का करीब डेढ़ साल पहले तक गोरखपुर आना-जाना लगा रहता था। मूसेवाला की हत्या के बाद 21 जून, 2022 को शशांक ने गोरखपुर आकर दोस्तों के साथ पार्टी की थी।
शशांक मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण जिले का रहने वाला है। लेकिन, इसके बाद से वह गोरखपुर कभी नहीं आया। कुछ दिनों बाद खबर मिली कि शशांक अंबाला में असलहों संग पकड़ा गया है और फिलहाल वह जेल में है।
करीब दो घंटे तक शशांक के बारे में जानकारी जुटाकर NIA की टीम वहां से वापस लौट गई। इसके बाद NIA शशांक के दो दोस्तों अमन और शमसुद्दीन के घर पहुंची। यह दोनों मालवीय नगर के रहने वाले हैं। NIA ने दोनों से शशांक के बारे में जानकारी ली। इसके बाद टीम कुशीनगर रवाना हो गई।
NIA ने गोरखपुर पुलिस से भी शशांक की क्राइम कुंडली मांगी है। लेकिन, उसके खिलाफ यहां कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं मिला है। चूंकि, शशांक मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण के मैनाटारह में चुठहा गांव का रहने वाला है। ऐसे में उम्मीद है कि NIA अब बिहार जाकर शशांक की मां से भी उसके बारे में जानकारी जुटाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, लारेंस बिश्नोई गैंग को टक्कर देने के लिए बंबीहा गैंग ने पाकिस्तान की मदद ली थी। वहीं, अर्श डल्ला विदेश में बैठकर अपनी गतिविधियों को चला रहा है। ये सभी खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े बताए जा रहे हैं। इनका संबंध कनाडा के हरदीप सिंह निज्जर से भी जुड़ा है। जिसे लेकर भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव है। माना जा रहा है कि यह सब हरदीप के ही गैंग से जुड़े हुए हैं।
वहीं, शशांक का गोल्डी बराड से गहरा नाता है। जबकि, गोल्डी का जुड़ाव लॉरेंस बिश्नोई, बंबीहा गैंग और अर्श डल्ला से है। ये दोनों मूसेवाला हत्याकांड में चर्चा में आए थे। इसलिए शशांक की क्राइम कुंडली खंगालने NIA गोरखपुर पहुंची है।
अंबाला पुलिस की CIA- ब्रांच ने 24 जुलाई, 2022 को शशांक और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था। शशांक ब्लैक टीशर्ट और दाढ़ी में पुलिस की गिरफ्त में दिखाई दे रहा।अंबाला पुलिस की CIA- ब्रांच ने 24 जुलाई, 2022 को शशांक और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था। शशांक ब्लैक टीशर्ट और दाढ़ी में पुलिस की गिरफ्त में दिखाई दे रहा।
मूसेवाला की हत्या के बाद गोरखपुर में दोस्तों संग की थी पार्टीशशांक पांडेय मूल रूप से बिहार के पश्चिम चंपारण के मैनाटारह में चुठहा गांव का रहने वाला है। उसके पिता नित्यानंद पांडेय 10 साल पहले नौकरी की तलाश में परिवार के साथ गोरखपुर आए थे। सिंघड़िया में बंद हो चुकी नमकीन फैक्ट्री को उन्होंने खरीद लिया। 6 साल पहले नित्यानंद की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद शशांक की मां वापस गांव पश्चिम चंपारण चली गईं। यहां उसके घर पर तभी से ताला बंद रहता था। लेकिन, करीब 10 महीने पहले मां ने गोरखपुर का घर एक यादव परिवार को बेच दिया।
अंबाला में पुलिस की CIA- ब्रांच ने 24 जुलाई, 2022 को शशांक और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया था। उसके तीनों साथी अंबाला छावनी के बब्याल के रहने वाले हैं। उनके पास से पुलिस को कई असलहे और कारतूस भी मिले थे। शशांक बिहार के मुंगेर से तस्करी कर असलहों की सप्लाई करता था। उसने अंबाला पुलिस के सामने ये बातें कबूल की हैं।वहीं, 29 अप्रैल, 2022 को मूसेवाला की गोली मारकर हत्या हुई। ऐसे में पंजाब पुलिस को शक था कि मूसेवाला हत्याकांड में शशांक भी शामिल हो सकता है। या फिर शशांक के दिए हुए असलहों से ही मूसेवाला की हत्या हुई होगी।
पंजाब पुलिस के कहने पर जब उस वक्त गोरखपुर की कैंट पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि शशांक 21 जून, 2022 को आखिरी बार अपने दोस्तों से मिलने यहां आया था। वह मालवीय नगर में रहने वाले अपने दोस्त के घर रुका था।
जहां शशांक ने उस दिन पार्टी भी की थी। उन दोस्तों ने पुलिस को बताया था कि गोरखपुर आने के बाद वह काफी रुपए खर्च करता था, लेकिन किसी को यह खबर नहीं थी कि वह लारेंस विश्नोई गैंग के लिए काम करता है।
सूत्रों के मुताबिक, शशांक इंटर के बाद पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने मथुरा चला गया। उसकी मां कमरा छोड़कर अपने गांव चली गई। तीन भाइयों में सबसे बड़ा विवेक विदेश रहता है। दूसरे नंबर का भाई राहुल बस्ती जिले में ठेकेदारी करता है।
NIA ने मूसेवाला हत्याकांड में जब यूपी सहित उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के कनेक्शन खंगाला तो पता चला कि हत्या के लिए AK-47 जैसे हथियार यूपी के बुलंदशहर से खरीदी गई थी। ऐसे में उसी वक्त NIA को यह शक था कि मूसेवाला की हत्या के लिए AK-47 शशांक ने दी होगी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें